बिहार की लाइफ लाइन कही जाने वाली पटना का महात्मा गांधी सेतु बनकर तैयार हो गया है। मालूम हो कि 24 वर्षों के बाद 7 जून से इन दोनों लेन पर फिर से गाड़ियां दौड़ने लगेंगी। आपको बता दें कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी द्वारा लोकार्पण की स्वीकृति मिल गई है।
हालांकि इस निर्माण एजेंसी को नवम्बर 2016 में जर्जर हालत में हुए गांधी सेतु के केवल ऊपरी सतह (सुपर स्ट्रक्चर) को तोड़ने का आदेश मिला था। तब उस समय 2 साल यानी 24 महीने में पश्चिमी लें और 18 महीने में पूर्वी लेन यानि कुल मिलाकर 42 महीने में इन दोनों लेन के पुराने सुपर स्ट्रक्चर को तोड़कर नए सुपर स्ट्रक्चर में बदल कर मार्च 2020 तक चालू कर देना था किन्तु समय पर चालू नहीं हो पाया।
हालांकि पर सवा दो साल का विलंब हुआ लेकिन अब फिर से गांधी सेतु पर बड़े-बड़े मालवाहक गाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा। वहीं अगामी चार सालों तक निर्माण एजेंसी गांधी सेतु का देखभाल भी करेगी। आपको बता दूं कि इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि 1982 में जब गांधी सेतु को बनाया गया था तब उसमे 87 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेकिन वर्तमान में इसमें सिर्फ सुपर स्ट्रक्चर को बदला गया है जिस पर 1382 करोड़ रुपये की लागत आई है। हालांकि गांधी सेतु को चालू रखने के लिए निरन्तर इसकी मरम्मत होती रही है ।बता दूं कि इसके मरम्मत पर भी 102 करोड़ खर्च किये गये हैं।