भारत नेपाल रेल परियोजना पर युद्ध स्तर पर इन दिनों काम किया जा रहा है। 400 करोड़ रुपए की लागत से इस परियोजना को पूरा करना है। इस साल के आखिर तक योजना के पूरा हो जाने की संभावना है। बता दें कि पिछले साल ही इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
नेपाल के हिस्से में भूमि अधिग्रहण नहीं होने के चलते निर्माण कार्य में विलंबता हुई है। अपर मंडल रेल प्रबंधक चौधरी विजय कुमार ने कहां है कि 18 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाने का काम होना है जो जोगबनी से विराटनगर तक होगा। भारत के इलाके में रेल पटरी बिछाने का काम पूर्ण हो चुका है।
नेपाल सरकार ने अपने हिस्से में भूमि अधिग्रहण में आ रही तकनीकी अड़चनों को दूर कर लिया है। नए साल में सीआरएस निरीक्षण के पश्चात परिचालन शुरू होने के बाद मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एडीआरएम बताते हैं कि कोरोना व नेपाल के इलाके में भूमि अधिग्रहण नहीं होने के चलते निर्धारित समय में योजना का काम पूरा नहीं हो सका है। दोनों देशों के हिस्से में तेजी से काम हो रहा है। नए साल में नेपाल तक की यात्रा लोग ट्रेन से कर सकेंगे। इस योजना के पूर्ण होने से दोनों देशों के संबंध में मधुरता आएगी वहीं व्यापार भी बढ़ने की उम्मीद है।
बता दें कि कुछ महीने पूर्व ही नेपाल सरकार के परिवहन मंत्री रेनू कुमार यादव ने राज्य के मधुबनी जिले से सटे पड़ोसी देश नेपाल के इनर्वा रेलवे स्टेशन पहुंचकर जायजा लिया था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि ट्रेन के परिचालन शुरू होने से दोनों देशों की संस्कृति समृद्ध होगी वही व्यापारिक रिश्ते में भी मजबूती आएगी।