मारूति कंपनी के यूनिट को भारत के गुजरात में शिफ्ट होने की अटकले पूरी तरह दूर हो चुकी है। मारुति कंपनी अब हरियाणा छोडक़र जाने की जगह प्रदेश में ही अपना मैनुफैक्चरिंग यूनिट डाल कर विस्तार करने का निर्णय ली है। जिसमें राज्य सरकार द्वारा मारूति कंपनी को सोनीपत जिले के खरखौदा में 900 एकड़ भूमि भी देने जा रही है। मारुति कंपनी प्रबंधन और राज्य सरकार के मध्य इस नए प्लांट की स्थापना और भूमि उपलब्ध करवाने को लेकर काफी दिनों से बातें चल रहीं है। मारूति कम्पनी ने अपने नए प्लांट को विस्तृत करने के लिए भारत सरकार से 900 एकड़ भूमि की माँग की है। भारत सरकार ने मारुति कंपनी को खरखौदा में जो भूमि दिखाई है, वह उन्हें पसंद है और वह भूमि कंपनी के मानकों पर सटीक भी बैठ रही है। परंतु इस भूमि के राशि के चलते कुछ पेंच फंस गया है। इस भूमि के दाम को कम करने को लेकर मारूति कम्पनी और सरकार में अभी वार्तालाप जारी है।
अब बाईक भी बनाएगी मारूति कंपनी
आपको बता दें कि मारूति कंपनी 800 एकड़ भूमि पर कार और बाकि 100 एकड़ भूमि पर सुजुकी के मोटरसाइकिल बनाने की क़वायद पूरी कर चुकी है। आपको बता दे कि 900 एकड़ में यह एक ही प्लांट होगा, परंतु वहाँ कार और मोटरसाइकिल एक ही साथ बनाई जाएँगी। वहीं इस बीच मारूति कम्पनी ने अपनी तरफ से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा राज्य को छोड वह कहीं भी नहीं जा रही है। ऐसे तो इससे पहले राज्य के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला भी इस मुद्दे पर स्पष्ट कर चुके हैं। परंतु कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मारूति कम्पनी के गुजरात से बाहर जाने पर अपना बयान जारी किया था। अब यह मुद्दा खत्म हो चुका है और मारूति कंपनी हरियाणा राज्य में ही अपने प्लांट के विस्तार करने का निर्णय पूरी तरह कर चुकी है।
भूमि के रेट को लेकर चल रही वार्ता
तत्काल में मारूति कंपनी और राज्य सरकार के बीच भूमि के रेट को लेकर बातचीत का दौर जारी है। सरकार ने इस भूमि के मूल्य को 14,000 रुपए प्रति वर्गमीटर रखा गया हैं। परंतु मारूति कंपनी प्रबंधन सरकार ने इन मूल्यों को कम करने की ज़िद पर अड़ी है। इस मुद्दे पर दोनों के मध्यस्थ एक बार पुनः से बात होने की संभावना है। तो वही हरियाणा सरकार का मानना है कि जिस स्थान पर कंपनी को भूमि आबंटित की जा रही है, वह एक मुख्य लोकेशन है और इसके दूसरे खरीददार मारूति कंपनी से भी अधिक कीमत देने को तैयार हैं। परंतु सरकार के समक्ष समस्या यह है कि वह मारूति कम्पनी को प्रदेश से बाहर भी नहीं देना चाहती। इस मामले को लेकर दोनों के बीच पेंच फंसा होने की वजह से एक बार फिर से वार्ता हो सकती है । वहीं सरकार का कहना है कि इस मुददे को सुलझा लिया जाएगा। मारूति का मानेसर प्लांट तो हरियाणा में रहेगा ही, साथ ही खरखौदा में भी उसका विस्तार होना तय हो गया है। इससे प्रदेश के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और मारूति की स्थापना से नए उद्योगों का विस्तार भी होगा।