भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अमेरिकी कंपनियों को घरेलू ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में सहायता प्रदान करने हेतु भारत आने और निवेश करने का आग्रह किया है। केंद्रीय मंत्री ने ‘रीइमेजिनिंग इंडिया 2.0 सीरीज’ के तहत ‘भारत 2.0 के लिए आधारभूत संरचना के पुनर्निर्माण’ पर अपने संबोधन के दौरान बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी पर भी बल दिया।
नितिन गडकरी ने कहा कि अमेरिका स्थित कंपनियां ईवी फैक्ट्री टेक्नोलॉजी और रेट्रोफिटिंग इंडस्ट्री की दिशा में हमारे खोज और विकास रिपोर्ट के साथ मदद कर सकती हैं। सोलर और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए सरकार बेहतरीन चार्जिंग मैकेनिज्म को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रही है।
गडकरी ने कहा कि भारत और अमेरिका में उन्नत तकनीक पर काम कर रहे युवा और प्रतिभाशाली इंजीनियरों का एक बड़ा पुल है। मुझे पूरी आशा है कि आप आगे आएंगे और निर्माण, वैकल्पिक, प्रचलित और कृषि प्रथाओं के सेक्टर में उन्नत तकनीक के लाभ उठाने के लिए जॉइंट वेंचर बनाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने भारत में आने और निवेश करने के लिए अमेरिकी कंपनियों को आगे आने को कहा। उन्होंने कहा कि आप जैसे टेक्नोक्रेट भारत के लिए सबसे अच्छी प्रणाली विकसित करने के अभियान में भागीदारी निभा सकते हैं। सड़क क्षेत्र में भारत सरकार 100 फीसद एफडीआई की अनुमति दे रहा है और संयुक्त उद्यमों के लिए यह बड़ा मौका है।
बता दें कि इस समय कई इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन भारत में हैं जो स्वैपेबल बैटरी के साथ आते हैं। ईवी निर्माता जैसे ओकिनावा ऑटोटेक, सिंपल एनर्जी, बाउंस कुछ ऐसे ब्रांड हैं जो इस किस्म की तकनीक के साथ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स का प्रोडक्शन करते हैं। भारत में बैटरी-स्वैपिंग टेक्नोलॉजी के नेटवर्क को बढ़ाने से न सिर्फ ऐसे मॉडलों को सहायता मिलेगी, किंतु कुछ अन्य इलेक्ट्रिक गाड़ियों में उपयोग होने वाले प्लग-एंड-चार्ज मैकेनिज्म का ऑप्शन भी मौजूद होगा।
इको-सिस्टम हल्के शहरी इलेक्ट्रिक वाहनों गोगोरो का बैटरी स्वैपिंग के लिए चार्जिंग समाधान उपलब्ध कराने वाली एक विख्यात कंपनी है। पांच सालों से भी कम समय में, इसने 1 बिलियन अमरीकी डॉलर (76 अरब 83 करोड़ रुपये) से अधिक टैक्स कमाए हैं और 4.5 लाख से अधिक बैटरी स्वैप ग्राहकों को सर्विस प्रोवाइड कराती है।