भारत देश मे बहुत ही जल्द हाइब्रिड फ्लाइंग कार अर्थात उड़ने वाली कार शुरू होने की संभावना है, जिसे लेकर भारत देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया है कि विनीता एरो मोबिलिटी (Vinita Aero Mobility ) की युवा टीम बहुत जल्द ही एशिया की पहली हाइब्रिड फ्लाइंग कार बना सकती है। इस संदर्भ में विनीता ऐरो मोबिलिटी कंपनी की टीम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने इस मॉडल से देश को रूबरू करवाया है। इसकी शुरुआत होने के पश्चात इसका उपयोग लोगों के द्वारा, कार्गो के परिवहन के लिए साथ-साथ चिकित्सा आपातकालीन सेवाओं के लिए भी लिया जा सकेगा जो कि लोगो को आपातकाल स्थिति में एक वरदान की तरह कार्य करेगा।
साथ ही आपको हम बताते चलें कि वर्तमान में उड़ने वाली कार पर बोइंग, एअरबस सहित उबर जैसी कई सारी कंपनियां इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही हैं। इसी के साथ ही M.I.T. टेक्नोलॉजी द्वारा हाल में ही एक रिपोर्ट दी गई है जिसमे कि अगले कुछ सालों में लगभग 20 उड़ने वाले वाहन लॉन्च किए जाने की संभावना है। यूरोप से लेकर उतरी अमेरिका तथा एशिया मे कई बड़ी कंपनियां उड़ने वाली कार अर्थात फ्लाइंग कार और छोटे वर्टिकल टेक ऑफ लैंडिंग वाहन जैसे वाहनों पर काम कर रही हैं उनमें से कई को साल 2030 तक फंक्शनल करने की उम्मीद कि जा रही है। यह सारी संभावनाएँ ऐसे संकेत दे रहे हैं कि आने वाले भविष्य उड़ने वाली कारों की ही होने वाली है। परंतु अभी तक इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस तरह के वादे और दावे कई बार किए जा चुके हैं। बस देखना यह है कि इसकी क़वायद जमीनी स्तर पर कब देखने को हमें मिलती है।
वास्तविकता स्तर पर बनने के दौरान आएगी और चुनौती
इधर उद्योग जगत के इंजीनियर और विशेषज्ञ के अनुसार उड़ने वाले कारों अर्थात फ्लाइंग कार से अभी तक कई छिपी हुई चुनौतियाँ सामने नहीं आई है, जिन्हें हवाई यातायात की वास्तविकता बनने के दौरान वाहन निर्माताओं की इसकी जरूरत जरूर पड़ेगी। गौरतलब है कि अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन फरवरी महीने में एक ऐसे कार की मंजूरी थी दी थी जो आसमान में 10000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है। साथ ही इस कार बनाने वाली कंपनी का नाम टेराफूगिया ट्रांजिशन है। टेराफूगिया ट्रांजिशन कंपनी ने दावा किया है कि यह कार जमीन पर भी चल सकेगी और हवा में भी उड़ सकेगी। कंपनी ऐसे कई तरह के कारों को बनाने की कोशिश में लगी हुई है। अब देखना यह है कि इसकी जमीनी हक़ीक़त कब और कितनी अच्छी देखने को मिलती है।