अजमेरीपुर बेरिया और शंकरपुर पंचायत के दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को अब नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। बता दें कि बूढ़ानाथ मंदिर के नजदीक जमुनिया नदी पर 15 करोड़ 91 लाख 51 हजार खर्च कर 75 मीटर लंबा उच्चस्तश्र का आरसीसी पुल का निर्माण किया जाना है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने 29 अगस्त 2022 को ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को जमुनिया नदी पर बूढ़ानाथ मंदिर के नजदीक शंकरपुर पंचायत के दारापुर गांव को कनेक्ट करने वाले पुल निर्माण के विषय में प्रशासनिक मंजूरी के लिए लेटर लिखा है।
सचिव को लिखे लेटर में प्रबंध निदेशक संजय सिंह ने कहा कि इस पुल के निर्माण का प्राक्कलन पहले भी दिया गया था। 08 अप्रैल 2015 को दिए गए प्राक्कलन को मंजूरी नहीं मिल सकी थी। इस पुल के निर्माण हेतु तकनीकी मंजूरी मिलने पर फिर अद्यतन दर पर बना प्राक्कलन प्रशासनिक मंजूरी के लिए समर्पित किया गया है। प्रबंध निदेशक के मुताबिक प्रशासनिक मंजूरी मिलने के बाद निविदा की प्रक्रिया शुरू होगी।
उधर, जमुनिया नदी पर बूढ़ानाथ मंदिर के नजदीक शंकरपुर पंचायत के दारापुर गांव को कनेक्टिविटी पुल के निर्माण से बिंद टोली, शंकरपुर, सहूनिया, दारापुर, मोहनपुर दियारा, बंडाल, अजमेरिपुर, रशिदपुर सहित दो पंचायत के दो दर्जन गांवों के 40 हजार से ज्यादा की आबादी को आवाजाही की सहुलियत होगी। गांव से जिला मुख्यालय आवाजाही के लिए ग्रामीण विश्वविद्यालय के भवन के पीछे, सकीचन घाट, गोलाघाट पर आपस में पैसा एकत्रित कर ग्रामीण खुद चचरी पुल बनाते हैं। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर इस चचरी पुल से आवाजाही करते हैं। बाढ़ में पुल टूट जाने से आवागमन की गंभीर परेशानी खड़ी हो जाती है। लोगों को नाव की मदद लेनी पड़ती है। भारी तादाद में लोग यहां कृषि करते हैं। गाय-भैंस पालते हैं। पुल का निर्माण हो जाने से काफी सुविधा मिलेगी।