बिहार भागलपुर के कहलगांव के माधोरामपुर मौजा स्थित लगभग 261 एकड़ जमीन के नीचे जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेएसआई) की टीम ने कोयला का विशाल भंडार होने की बात कही है। सर्वे में माधव रामपुर गांव में जमीन के 350 फिट नीचे की खुदाई से मिले कोयले को क्वालिटी जांच के लिए झारखंड के धनबाद भेजा गया है। धनबाद के सीएमपीडीआई में कोयले की परिधि का जांच करने के बाद इसे रिया कोल ब्लॉक जोन घोषित कर दिया जाएगा।
बता दें कि पूर्व में 2018 में कहलगांव के ही सिंघाडी, गंगारामपुर, नवादा, मंसूरपुर गांव में कोयला के खदान होने की बात कही गई थी। इसी वर्ष पीरपैंती के 48 गांवों में कोयले का भंडार मिला है। चंडीपुर पहाड़ के सर्वे में जेएसआई टीम ने फायर क्ले और सिलिका (क्रिस्टल पत्थर) का भी विशाल भंडार खोजा है। अभी भी इस गांव में टीम सर्वे कर रही है।
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— Janak Chamar (@Janak_Chamar) March 13, 2022
जिला खनन पदाधिकारी अखलाघक हुसैन ने जानकारी दी कि माधव रामपुर में कोयला के साथ ही फायर क्ले और क्रिस्टल पत्थर के बारे में टीम ने सर्वे कर पता लगाया है। कोयले के क्वालिटी की जांच के लिए धनबाद सैंपल को भेजा गया है। जहां शुद्धता की जांच करने के बाद जेएसआई केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
टीम में शामिल एक्सपर्ट बताते हैं कि 2018 में मिले कोयले की क्वालिटी जी-3 से लेकर जी-14 तक की थी। ये क्वालिटी उत्तम श्रेणी की है। साल 2012 में ही इन इलाकों में विशाल खनिज भंडार होने का सर्वे शुरू हुआ था। पीरपैंती में जीएसआई के सर्वे के सात वर्ष बाद इलाके में कोयले का बड़ा भंडारण होने की संभावना वैज्ञानिकों की टीम ने जताई थी।
मार्च, 2018 को टीम ने बीसीसीएल धनबाद और सीएमपीडीआई की टीम को रिपोर्ट भेजी। केंद्र सरकार ने रिपोर्ट के बाद बिहार सरकार को इन इलाकों के भू-अर्जन के आदेश दिए। 2026 से पीरपैंती में खनन शुरू होने की बात कही जा रही है।2018 में पीरपैंती के जिन इलाकों में कोयला की संभावना जताई गई थी उनमें लक्ष्मीपुर, गोविंदपुर, चौधरीबसंत, हीरानंद बंसीचक नौवाटोली, शेरमारी शादीपुर, रिफातपुर, जगदीशपुर, सीमानपुर, पसाहीचक, महादेव टिकर, प्यालापुर, गोकुल मथुरा, सगुनी, रोशनपुर, महतोटोला रिफातपुर, बदलूगंज, बाबूपुर, पचरुखी, बारा, इसीपुर, हरदेवचक, दौलतपुर, कमलचक, मिर्जागांव सोनरचक, राजगंज, काजीबाड़ा, बसबिट्टा और बल्ली टीकर गांव शामिल है।
टीम में शामिल जियोलॉजिस्ट रितेश कुमार और असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट हरीश कुमार बताते हैं कि मिनिस्ट्री ऑफ माइंस के आदेश पर जेएसआई ने ने स्ट्रैटजिक मिनरल प्रोजेक्ट में कहलगांव के बटेश्वर स्थान, कासड़ी और जगन्नाथपुर की पहाड़ियों में पर्याप्त मात्रा में खनिज भंडार की संभावनाओं के बारे में पता लगाने की जिम्मेदारी दी है। पूर्व में आई टीम ने सर्वे में पाया था कि यहां 80 फीट से लेकर 300 से 400 फीट तक कोयला है।