पथ निर्माण विभाग में विक्रमशिला सेतु के पहुंच पथ को एनएच विभाग को सौंप दिया। मंगलवार को दोनों विभागों के बीच लिखित रूप में हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया संपन्न हुई। बता दें कि इस काम में 3 वर्ष से ज्यादा का वक्त लगा। अब लगभग 10 किलोमीटर लंबी पहुंच पथ एनएच विभाग को चली गई है। इसका मेंटेनेंस से लेकर निर्माण एनएच विभाग करेगा।
नवगछिया, विक्रमशिला सेतु के अप्रोच रोड सहित बाइपास होकर हंसडीहा तक सड़क को एनएच का दर्जा मिला है। इसका नाम पड़ा एनएच-133E है। जब से इस सड़क को एनएच का दर्जा मिला है, तब से पथ निर्माण विभाग कार्य मंडल, भागलपुर के द्वारा कोशिश हो रही थी कि किसी प्रकार से इसे एनएच विभाग को सौंपा जाए। एनएच विभाग के द्वारा लगातार बहानेबाजी के वजह से हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया लंबित थी।
विक्रमशिला सेतु का पहुंच पथ (जीरोमाइल भागलपुर की तरफ एक किमी और नवगछिया की ओर 9 किमी) का रखरखाव ओपीआरएमसी स्कीम में शामिल कर कराया जा रहा था। एनएच विभाग को अप्रोच रोड हैंडओवर करने के बाद इसे ओपीआरएमसी स्कीम से विड्रा कर लिया गया है। गत 7 से 8 वर्ष में इस सड़क का ओपीआरएमसी योजना केतात निर्माण और रखरखाव हो रहा था।
भागलपुर-हंसडीहा सड़क एनएच घोषित हो चुका है। इसका हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया लगभग तीन साल से लंबित है। पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एनएच विभाग से बात बन गई है। बरसात के बाद यह रोड हैंडओवर कर दिया जाएगा। पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक इंजीनियर नवल किशोर सिंह कहते हैं कि विक्रमशिला सेतु का पहुंच पथ एनएच विभाग को सौंप दिया गया है। इसका रखरखाव और निर्माण अब एनएच विभाग ही करेगा।