बिहार में सरकार का पूरा ध्यान उद्योग को बढ़ावा देने पर है। सरकार दिन प्रतिदिन कई बड़े फैसले ले रही है। राज्य के सभी जिलों में नए इंडस्ट्रियल एरिया की स्थापना होगी। इसके लिए सभी जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को हर जिले में 25 एकड़ जमीन का ब्यौरा देने का निर्देश दिया गया है। 25 एकड़ से ज्यादा जमीन भी चिन्हित की जा सकती है। इसी कड़ी में बिहार सरकार के उद्योग विभाग के निदेशक के द्वारा बांका और भागलपुर जिले में जमीन चिन्हित करने के लिए दोनों जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को आदेश दिया गया है।
यह कहा गया है कि ऐसी भूमि चिन्हित किया जाए जिससे आबादी दूर हो और निर्विवाद हो। सरकार के इस फैसले से नया उद्योग स्थापित होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे जबकि इलाका आर्थिक रूप से समृद्ध होगा। बता दें कि बिहार में सरकार का ध्यान इन दिनों उद्योग स्थापित करने पर है।
उद्योग को लेकर देशभर में बिहार की खूब चर्चा हो रही है। बियाडा के अधीन ज्यादातर औद्योगिक एरिया में उद्योग स्थापना हेतु आवंटन पात्र जमीन लगभग खत्म हो चुकी है। इससे औद्योगीकरण के विकास में बाधा उत्पन्न हो रहा है, पर मौजूदा समय में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इंडस्ट्रियल गति को तेज करना बेहद जरूरी है।
भागलपुर जिले में गौशाला की 450 एकड़ भूमि मोहनपुर और अमानत सरकार मौजा में है। मोहनपुर में 333.06 एकड़ जबकि अमानत में 208.15 एकड़ जमीन है। मार्च महीने में ही जमीन पर कई अधिकारी गए थे। यह जमीन इस्तेमाल के योग्य है या नहीं यह फिलहाल निर्धारित नहीं है। इसके साथ ही कहलगांव में सालों पहले औद्योगिक एरिया के लिए जमीन लिया गया था, पर नतीजा बेअसर रहा जिस पर विभाग की नजर है। शुक्रवार को डीएम को खत लिखकर निदेशक ने जमीन चिन्हित करने के समय कुछ आवश्यक बातों को गौर करने को कहा है। निर्धारित किया गया है कि आबादी से जमीन दूर हो। जमीन जल स्रोत वाला और वन क्षेत्र में नहीं पड़ता है और किसी तरह के विवाद में नहीं हो।