कल यानी मंगलवार को बिहार अपनी स्थापना का 110वां जन्मोत्सव मनाएगा। 22 मार्च, 1912 के दिन बिहार अस्तित्व में आया था, उस समय उड़ीसा और झारखंड बिहार में ही थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गाइडलाइन पर तीन दिवसीय बिहार दिवस समारोह का आयोजन भव्य व शानदार तरीके से किया जा रहा है। कोविड महामारी के चलते दो साल बिहार दिवस समारोह आयोजित नहीं हो सका। जबकि 2019 में लोकसभा इलेक्शन के ऐलान के वजह से बड़े स्तर पर आयोजन नहीं हुआ। रविवार को शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी मुख्य आयोजन स्थल गांधी मैदान स्थित प्रशासनिक भवन में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने बताया कि राज्य में ही नहीं, बल्कि देश-दुनिया में बिहार दिवस बिहारीपन की पहचान बन चुका है।
विजय चौधरी ने जानकारी दी कि बिहार दिवस समारोह राज्य सरकार के महत्वपूर्ण अभियान जल-जीवन-हरियाली थीम पर आधारित है। बिहार के ऐतिहासिक अतीत को ध्यान में रखते हुए तीन दिन तक होने वाले समारोह को शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक रूप भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। मंगलवार को शाम साढ़े पांच बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी मैदान में इस समारोह का शुभारंभ करेंगे। राज्यपाल फागू चौहान द्वारा 24 मार्च को समारोह का समापन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे समारोह में आमलोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित होगी और उन सब के लिए नृत्य-संगीत व नाट्य प्रस्तुति के अलावे कई और रूचिकर सांगीतिक कार्यक्रम का भी व्यवस्था किया गया है।
ऐसा पहली बार होगा जब गांधी मैदान में एक साथ 500 ड्रोन आसमान में उड़ते नजर आएंगे। लेजर शो के माध्यम से बिहार की विरासत के बारे में बताया जाएगा। वहीं नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा पुस्तक मेला व बिहारी व्यंजन मेला का आयोजन पर्यटन विभाग द्वारा होगा। दिल्ली हाट की तरह ही पहली बार गांधी मैदान में पटना हाट बनाया गया है जो आगंतुकों के लिए मुख्य आकर्षण का बिंदु होगा।बिहार से जुड़े हस्तशिल्प समेत अन्य वस्तुओं की प्रदर्शनी पटना हाट में होगी।