भारत में यूपीएससी का जलवा युवाओं के ऊपर सर चढ़कर बोलता है। हर साल लाखों अभ्यर्थी आईएएस बनने का सपना देखते हैं। कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो नौकरी छोड इस परीक्षा की तैयारी में वर्षों गुजार देते हैं। ऐसे ही कहानी दिव्यांशु चौधरी की है जिन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ ऑल इंडिया में 30वां स्थान लाकर आईएएस अधिकारी बने हैं। इनके पीछे की कहानी और सटीक रणनीति हर यूपीएससी अभ्यर्थी को पढ़नी चाहिए।
दिव्यांशु राजस्थान के जयपुर से आते हैं। प्रारंभिक पढ़ाई यहीं से की। 12वीं की पढ़ाई के बाद इलेक्ट्रॉनिक ब्रांच में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। फिर बीटेक के बाद इन्होंने आईआईएम कोलकाता से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के बाद एक साल तक बैंक में नौकरी की। नौकरी से असंतुष्ट दिव्यांशु सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का फैसला लिया फिर दिल्ली आकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगे।
दिव्यांशु ने मैथमेटिक्स विषय को ऑप्शनल सब्जेक्ट रखा। कोचिंग मैटेरियल से पढ़ाई ना कर उन्होंने इंटरनेट का सहारा लिया। ज्यादा से ज्यादा रिवीजन की और 80 से 100 तक मॉक टेस्ट पेपर बनाए। प्री एग्जाम पर पूरा ध्यान केंद्रित किया। करते रहे फ्रीमैंस पर ज्यादा उन्होंने ध्यान दिया। यूपीएससी की परीक्षा दी और हाल ही में यूपीएससी के घोषित नतीजे में 30वीं रैंक हासिल कर दिव्यांशु आईएएस अधिकारी बन गए हैं।