बेगूसराय में 257 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि खर्च कर सदर प्रखंड के भर्रा में आयुर्वेद कॉलेज की नई इमारत बनेगी। पहले फेज में जमीन सर्वे का काम पूरा होते ही मार्च तक निर्माण कार्य की आधारशिला रखी जाएगी। विभाग ने पहली इंस्टॉलमेंट की छह करोड़ की राशि जारी कर दी है।
शीघ्र ही महाविद्यालय बनाने का बेस जैसे भूमि समतल करना, नीचे का पिलरिंग सहित अन्य काम शुरू हो जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक फरवरी के आखिर या मार्च के शुरूआत में किसी भी दिन कॉलेज निर्माण की आधारशिला रखी जा सकती है। बता दें कि सरकार ने राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय सह चिकित्सालय बनाने के लिए भर्रा स्थित नौ बीघा पांच कट्ठा भूमि चिन्हित कर ली गई है।
प्रथम फेज में निर्माण से जुड़ी हुई मिट्टी जांच एवं सर्वे कार्य किया गया था। इस विषय में महाविद्यालय के सीनियर रेजिडेंट डॉ दिलीप कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि पहले इस जमीन पर अवैध तरीके से लोगों ने कब्जा कर रखा था, निरंतर कोशिश और सीओ के मार्फत भूमि को क्लियर कराया। इसके बाद बिहार सरकार ने सर्व एवं मिट्टी जांच के लिए डिजाइन सिन्डीकेट, मुजफ्फरपुर की एजेन्सी को अधिकृत किया था। मुकुल झा के प्रतिनिधित्व में टीम ने सर्वे का काम पूरा किया था।
बता दें कि भर्रा में नौ बीघे से तीन कट्ठा सात धूर भूमि पर 150 बच्चे प्रति साल के अनुसार पांच सालों में आने वाले टोटल 750 बच्चों के पढ़ने के लिए ग्रेजुएशन में बीएएमएस के साथ 14 सब्जेकटों में पीजी की पढ़ाई के लिए क्लास रूम और आवासीय परिसर का निर्माण होगा। इसके अलावे प्रेक्टिकल रूम, हर डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष के लिए रूम, विभिन्न डिपार्टमेंट के रूप, तीन लिफ्ट, ऑडिटोरियम/हाॅल बनाया जाएगा। इसके साथ ही मेडिकल कॅालेज की तरह जरूरी लैब, ओपीडी, पार्किग, डाक्टर कक्ष बनाया जाएगा।
कॅालेज में अधीक्षक और उपाधीक्षक के लिए अलग से भवन निर्माण का होगा। इसके साथ ही क्लिनिक स्टाफ, रजिस्ट्रार रूम, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के कमरा भी नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय में बनाया जाएगा। प्राचार्य डाॅ. उमाशंकर चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि नए कॉलेज भवन में स्टेट फार्मेसी, रिसर्च सेन्टर महाविद्यालय भवन, प्रशासनिक भवन, प्राचार्य, अधीक्षक, उपाधीक्षक, रेजिडेंट डाक्टरों व 200 बेड का हॉस्पिटल बनना है। इसके साथ कर्मचारियों का भवन, कैंटीन, उद्यान आदि का भी निर्माण होना है।
बता दें कि महाविद्यालय भवन निर्माण के लिए ब्लूप्रिंट भी तैयार हो चुका है। पीजी के स्टूडेंट्स को 1BHK का क्वार्टर दिया जाएगा। मार्च में शिलान्यास होने के बाद कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी। कार्य शुरू होने के बाद कॉलेज की और औषधालय को पुनः जीवित किया जाएगा। फिलहाल आयुर्वेद महाविद्यालय का संचालन लोहियानगर में हो रहा है। यहां सभी विभागों का काम चल रहा है। एक समय बंद रहने वाला ओपीडी में रोजाना 500 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही पंचकर्म की भी सुविधा लोगों को दी जा रही है।