बिहार के वस्तुओं को निर्यात प्रतिशत बढ़ाने की कवायद शुरू हो चुकी है। अब राज्य में उत्पादित वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच मिलेगा इसके लिए सरकार ने ठोस पहल की है। बिहार में नई निर्यात योजना के तहत एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, लेदर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और ज्वेलरी एक्सपोर्ट काउंसिल सहित अन्य उत्पादों के एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल खोलने की तैयारी है। इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय कारोबार में होने वाले बिहार के निर्यातों को आसानी से जानकारी मिल सकेगी।
बता दें कि फिलहाल भारत के निर्यात में बिहार की काफी कम भागीदारी है। महज आधा फीसदी बिहार वस्तुओं को निर्यात कर पाता है। अब निर्यात प्रतिशत को बढ़ावा देने के मकसद से आगामी 4 सालों में 20 गुना तक की तैयारी में है। पूरे भारत के निर्यात होने वाले उत्पादों में बिहार की भागीदारी 10% करने पर सरकार पहल कर रही है। साल 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इससे जुड़े सारे प्रारूप तैयार कर उच्च स्तर पर समीक्षा हो गई है। अब सीएम नीतीश कुमार की हरी झंडी मिलने का इंतजार है।
बता दें कि देश के निर्यात वाले सूची में बिहार सबसे आखिरी पायदान 30वें नंबर पर है। इस पहल से जहां बिहार के उत्पादों में बढ़ोतरी होगी वहीं सरकार की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होने की पूरी उम्मीद है। निर्यात वाले उत्पादों की उच्च गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त लैब बनाए जाएंगे। सिल्क मखाना और दूसरे उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा। समुद्री रास्ते से निर्यात के लिए विभाग में ट्रांसपोर्ट इंसेंटिव की तैयारी भी कर ली है।