गाजीपुर से बलिया से लेकर यूपी और बिहार बॉर्डर तक फोरलेन हाईवे का निर्माण हो सकता है। यूपी के चार प्रमुख सिटी आजमगढ़, लखनऊ, बनारस और मऊ की वित्तीय गतिविधि को सशक्त करने के लिए इस हाईवे की योजना बनाई गई है। इसके बनने से लखनऊ से पटना के बीच मौजूदा समय के मुकाबले प्रति घंटा साढ़े 3 किलोमीटर कम यात्रा करना होगा। वहीं, सड़क रूट से दक्षिण बिहार से दिल्ली का आवागमन सुलभ हो जाएगा। पीएम गतिशक्ति योजना के तहत काम करने वाले एनपीजी की मीटिंग में यह प्रस्ताव दिया गया। एलपीजी में तमाम प्रमुख मंत्रालय के सचिव स्तर के अफसर शामिल है और इसके संयोजक उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग है।
इसके साथ ही यूपी के मुरादाबाद और उत्तराखंड के काशीपुर क्षेत्र के टू लेन सड़क को फोरलेन में अपग्रेड करने का प्रस्ताव सौंपा गया। एनपीजी का कहना है कि सड़क रूट के अपग्रेडेशन, ट्रैफिक में सुलभता, जमीन अधिग्रहण और मल्टीमॉडल ट्रैफिक के साधनों को प्रोत्साहित करने हेतु ये तीनों ही प्रोजेक्ट बेहद महत्वपूर्ण हैं।
एनपीजी के अनुसार, गाजीपुर-बलिया-उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा हाईवे के निर्माण से दक्षिण बिहार से दिल्ली की दूरी कम होगी। बक्सर के समीप गंगा नदी पर एक पुल बन रहा है जिससे दक्षिण बिहार तथा दिल्ली के बीच आवाजाही आसान होगा। इस हाईवे से लखनऊ डिफेंस कॉरिडोर को मदद मिलेगी।
एनपीजी की मानें तो भारत-नेपाल सीमा के नजदीक रणनीतिक मकसद के मद्देनजर पलिया-शाहजहांपुर-हरदोई-लखनऊ बाईपास को फोर लेन में परिवर्तन का प्रस्ताव है। इससे बरदोई नेशनल पार्क तक जाना सुलभ होगा और माल की ढुलाई में सहयोग मिलेगा। वहीं यूपी-उत्तराखंड बाईपास को फोर लेन में बदलने का प्रस्ताव दिया गया है जो बांग्लादेश-इंडिया-भूटान के बीच व्यापार रुट का कार्य करेगा तथा जिम कार्बेट नेशनल पार्क पहुंचाना सुलभ होगा।