गोरखपुर से सड़क के रास्ते यूपी बिहार बस सेवा तो बहाल नहीं हो सकी है। लेकिन शासन ने पूर्वांचल से निजी बसों के संचालन पर हरी झंडी दे दी है। आपसी समझौता के बाद शासन ने निजी बसों के संचालन के रूट भी निर्धारित कर दिया है।
नई व्यवस्था के तहत कुल सात रूट (सड़क मार्ग) निर्धारित किए गए हैं। जिनपर कुल 54 बसें चलाई जाएंगी। इन रूटों पर चलने वाली बसों का परमिट जारी किया जाएगा। परमिट वाली बसें ही चलने के लिए अधिकृत होंगी। परमिट परिवहन विभाग जारी करेगा। बस को संचालित करने के इच्छुक व्यक्ति 20 दिसंबर तक परिवहन विभाग के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। परमिट शुल्क 7500 रुपये निर्धारित है। इस राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
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शुक्रवार को गोरखपुर बस स्टेशन कैंपस में सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत चालकों और परिचालकों को यातायात के नियमों के बारे में अवगत भी कराया गया। इस दौरान सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी बीके सिंह और राजेश पांडे ने परिवहन के तमाम नियमों को बारीकी से चालकों को समझाया। उन्होंने साफ तौर पर कहां की किसी भी सूरत में नियमों की अनदेखी ना हो। नियमों की अनदेखी से ही दुर्घटनाएं घटित होती है। मौके पर परिवहन विभाग और परिवहन निगम के आला अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
गोरखपुर-कप्तानगंज-छितौनीघाट-बंगहा- 12 बसें, बरहज-सलेमपुर-प्रतापपुर फैक्ट्री-मैरवा-सिवान – 11 बसें, सलेमपुर-भिंगारी-भवानी छापर, मीरगंज- हथुवा-सिवान – पांच बसें, समऊर- पडरौना- छितौनी- बंगहा- नौ बसें, बलिया-बक्सर वाया भरौली बार्डर- छह बसें, बलिया-छपरा वाया मांझी घाट- पांच बसें, वाराणसी-बक्सर वाया बारा और चौसा- छह बसें के परिचालन पर परिवहन विभाग ने मंजूरी दी है।