विगत वर्ष दरभंगा एयरपोर्ट के रूप में बिहार को एक सौगात प्राप्त हुआ था। दरभंगा में 8 नवंबर को एयरपोर्ट की शुरुआत हुई थी। तीन विमानों से शुरुआत होने वाली दरभंगा एयरपोर्ट से अब 18 विमानें उड़ान भर रही है। महज 10 महीने में ही दरभंगा एयरपोर्ट ने कई मामलों में पटना एयरपोर्ट को पीछे छोड़ दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दरभंगा एयरपोर्ट के महत्व को बताया है।
दरभंगा से चलने वाल विमानों में पटना एयरपोर्ट से भी ज्यादा की संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं। बता दें कि प्रत्येक दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, जयपुर के लिए तकरीबन दो हजार से ज्यादा यात्री सफर कर रहे हैं। राज्य सरकार में मंत्री व दरभंगा क्षेत्र से आने वाले संजय झा ने ऐसा दावा करते हुए कहा है, कि भारत में सबसे जल्दी तेजी से ट्रैफिक को क्लियर करने वाला दरभंगा पहला एयरपोर्ट बन गया है।
बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट को प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ के तहत बनाया गया था। जिसकी शुरुआत पिछले साल 8 नवंबर को हुई थी। दरभंगा बिहार का दूसरा एयरपोर्ट है, इसके बनने से दरभंगा के साथ ही मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, फारबिसगंज, अररिया, बेगूसराय, सीतामढ़ी के साथ ही नेपाल के भी लोगों को बेहद सुविधा मिली है। पटना एयरपोर्ट पहुंचने के लिए लोगों को गांधी सेतु और कई सड़कों पर जाम का सामना करना पड़ता है, वहीं दरभंगा जाने के लिए यात्रियों को कहीं भी जाम की स्थिति नहीं मिलती है।
एयरपोर्ट की शुरुआत होने से दरभंगा के किसानों को बेहद फायदा हुआ है। मिथिला का प्रमुख उत्पाद मखाना के साथ ही लीची की खेती भी भारत के प्रमुख शहरों में भेजी जाती है। विदेशों में भी मिथिला के उत्पाद को विमानों के द्वारा भेजा जाता है। दरभंगा एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए राज्य सरकार भी भूमि अधिग्रहण का काम कर रही है, जो कि अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समय-समय पर इसका जायजा लेते रहे हैं। फिलहाल बिहार सरकार इंडियन फोर्स के जमीन 5 साल के लिए लीज पर लेकर एयरपोर्ट के संचालन का काम कर रही है।