बिहार में उद्योग के विस्तार के लिए राज्य सरकार लगातार ठोस पहल कर रही है। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन लगातार राज्य के कोने कोने-कोने में जाकर उद्योग धंधे के विस्तार की कवायद में लगे हुए हैं। इसी दिशा में बिहार सरकार ने औद्योगिक नीति में एक और बदलाव किया है। सरकार ने जमीन की कीमत निर्धारण के फार्मूले में चेंजिंग की है। नई अलॉटमेंट नीति के तहत गंभीर निवेशकों को ही बियाडा जमीन आवंटित करेगी। डीपीआर विभाग को सौंपने पर ही निवेशक को जमीन मुहैया कराया जाएगा। सर्किल रेट पर औद्योगिक जमीन मुहैया कराने के लिए सरकार प्राइवेट लैंड परचेज पॉलिसी भी ला रही है।
नई नीति के तहत बिहार में उद्योग लगाने के लिए बियाडा की जमीन 50 फीसद तक सस्ती होगी। हाल ही में सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक में भूमि आवंटन एवं आम माफी नीति को स्वीकृति दी है। औद्योगिक विस्तार और निवेश में बढ़ावा देने के मकसद से उद्योग विभाग औद्योगिक भूमि प्रबंधन से जुड़ी तीन नई पॉलिसी लेने जा रही है। इसमें सबसे अहम बात है कि पुरानी जमीन की कीमतों में बियाडा 40 से 50 प्रतिशत तक कमी करने जा रही है। जमीन पाने के लिए निवेशकों को सबसे पहले डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानि डीपीआर पहले सौंपना होगा।
सरकार के इस पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को कम से कम 50 एकड़ जमीन की खरीदारी करनी होगी। निवेशकों को जरूरी छूट का भी प्रावधान है। तीसरी और सबसे मुख्य बात की पॉलिसी वन टाइम सेटेलमेंट से जुड़ी हुई है। उद्योग विभाग निवेशकों को जमीन सरेंडर करने के आसान और बेहतर विकल्प भी प्रदान कर रहा है।