बिहार के विकास में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक यानी नाबार्ड महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। बैंकों के अलावा नाबार्ड अपनी ओर से ऋण मुहैया कराती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बिहार के विकास के लिए बिहार सरकार को नाबार्ड 3 हजार करोड़ रुपए का ऋण देगा। ऋण के जरिए विकसित बिहार, विकसित भारत के सपनों वह हकीकत में बदला जाएगा।
नाबार्ड के जीएम ने बताया कि कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टरों पर बुरा प्रभाव रहा इसके बाबजूद भी एग्रीकल्चर सेक्टर में अच्छा प्रदर्शन हो रहा है। खुशी की बात ये है कि मानसून ने साथ दिया है। इसके अलावा वर्तमान वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था में सुधार के कई संकेत दिख रहे हैं।
जीएम ने बताया कि सक्रिय रुप से बिहार में कृषि के लिए ऋण उपलब्ध कराने की जरूरत है। नाबार्ड में कोरोना काल में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए मुख्य भूमिका निभाई है। डॉ सुनील कुमार ने बताया कि इसके लिए 28 दिसंबर को राजधानी पटना में आयोजित बैठक में विशेष रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा। आने वाले वित्तीय साल 2022 के लिए 38 जिलों के प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है।
बताते चलें कि बिहार सरकार को नाबार्ड ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के माध्यम से राज्य में ग्रामीण आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध कराती है। बीते 4 सालों में बिहार सरकार को ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के तहत 6964 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। कौशल विकास के लिए 3 सालों में 4320 बेरोजगार युवकों को 149 कार्यक्रमों में 216.43 लाख अनुदान सहायता के साथ कौशल ट्रेनिंग दिया जा चुका है।