बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार म्यूजियम को पटना म्यूजियम से जोड़ने वाली 1.5 किमी लंबी भूमिगत रोड का निर्माण तीन वर्ष के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। इस भूमिगत सड़क के निर्माण पर कुल 375 करोड़ रुपए की लागत आएगी, निर्माण का जिम्मा दिल्ली मेट्रो को सौंपा गया है। रविवार को पहली दफा आयोजित बिहार म्यूजियम की स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बोल रहे थे। इस अवसर पर सीएम ने बिहार म्यूजियम में धरोहरों की विस्तृत जानकारी डिस्प्ले पर नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की।
सीएम ने कहा कि संग्रहालय में रखे धार होरो एवं उनके महत्व को विस्तार रूप से डिस्प्ले किया जाए, जिससे लोग सुलभता से देख और समझ सकें। उन्होंने कहा कि उद्घाटन के समय भी हमने यह बात कही थी, मगर बड़े-बड़े लोग मेरी बातों को छोटा कर लगा लेते हैं।
सीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम देश में कहीं नहीं है। इसी के मद्देनजर हमने बिहार संग्रहालय का कॉन्सेप्ट दिया। म्यूजियम का कनाडा के लॉर्ड कल्चरल रिसोर्सेज ने इसकी परिकल्पना की और जापान के मौकी एंड एसोसिएट्स ने डिजाइन बनाया। एलएंडटी ने निर्माण पूरा किया जब से यह यह बिहार का मुख्य आकर्षण स्थल बन गया है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर, 2017 में बिहार दौरे पर आए थे तब उन्होंने देखने की इच्छा व्यक्त की थी।
सीएम ने कहा कि बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम ऐतिहासिक धरोहरों से भरा पड़ा है। 1764 के पहले धरोहर बिहार म्यूजियम में और उसके बाद के धरोहर पटना म्यूजियम में रखे गए हैं। उन्होंने अफसरों को हिदायत देते हुए कहा कि म्यूजियम की मूर्तियों को किसी दूसरी जगह ना भेजा करें। एक बार भेजा गया, मगर खराब होकर वापस लौटा। सीएम ने कहा कि बापू जयंती के दिन कोई कार्यक्रम अवश्य कराएं। आम जनों के लिए मुफ्त प्रवेश सहित उनके चाय और नाश्ते का भी प्रबंध करें।