आपको पता हो कि बिहार राज्य में पोटाश, क्रोमियम और निकेल के नए भंडार क्षेत्र मिले हैं। नये खनिज पदार्थ के मिलने से बिहार राज्य को काफी लाभ होगा। औरंगाबाद और गया जिले में पोटाश के नए भंडार क्षेत्र को खोजा गया हैं जबकि रोहतास में क्रोमियम और निकेल के नए भंडार क्षेत्र मिले हैं। इसकी जाँच भारत सरकार ने कर दी है। बिहार राज्य सरकार की तरफ से इन खनिज भण्डारों से खनन की अनुमति भी दे दी गई है।
इधर बुधवार को नई दिल्ली में खनिजों की खोज पर आधारित उच्चस्तरीय समिति की बैठक की गई। इस बैठक में बिहार राज्य को खनन के लिए चार ब्लॉक, औरंगाबाद और गया जिले में पोटाश के एक-एक ब्लॉक तथा रोहतास जिले में क्रोमियम और निकेल के एक-एक माइनिंग ब्लॉक का आवंटन किया गया। केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी के द्वारा बिहार के खान मंत्री जनक राम को चारों खनिज ब्ल़ॉक से संबंधित जाँच कॉपी सौंपी गयी। इस दौरान बिहार राज्य के खान सचिव हरजीत कौर बाम्हरा भी वहाँ उपस्थित थीं।
साथ ही बिहार राज्य के खान मंत्री जनक राम ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार को मिले चारों ब्लॉक की नीलामी के लिए आगे की प्रकिया की जाएगी। हमें बिहार राज्य में तीन खनिजों के चार ब्लॉकों का मिलना बड़ी उपलब्धि है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इससे एक ओर नए रोजगार का सृजन होगा, तो वहीं बिहार की अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी। बिहार मे तीनों खनिजों के भंडार से बिहार की पहचान खनिज पदार्थ वाले राज्यों के रूप मे भी होने लगी है और बिहार राज्य भारत देश के खनिज मानचित्र पर भी अपनी जगह बना गया है। भविष्य में इससे हजारों की संख्या में नए कारोबार के अवसर उत्पन्न होंगे।
बिहार राज्य में लगेगें खाद उद्योगों
आपको बता दें कि पोटाश खनिज की उपलब्ध्ता बिहार में खाद उद्योगों की शृंखला विकसित हो सकती है। क्रोमियम और निकेल के आधार पर इस्पात उद्योगों को विकसित होने का भी मौका मिल सकता है। जिससे बहुत से बड़े उद्योगों के लिए भी प्रोडक्ट तैयार हो सकते हैं। नये खनिज मिलने से अर्थव्यवस्था का चक्र विकसित होगा और उद्योगों की श्रृंखला भी तैयार हो सकती है।