बिहार में पावर सब स्टेशन के लिए ज़मीन मिलने मे हो रही समस्या को देखते हुए बिहार विधुत विभाग ने अब इसका बहुत ही बेहतरीन समाधान निकाल लिया है। फ्रांस की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी अब बिहार में काम आयेगी। बिहार के लिए चलंत पावर सब स्टेशन बना लिए गए है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत आयोजित छः ई पावर सब स्टेशन बिहार में स्थापित किए जा रहे है, जिसमें से चार बिहार की राजधानी पटना मे जबकि एक मुजफ्फरपुर और एक समस्तीपुर मे लगाए जाएँगे।
इस चलंत पावर सब स्टेशन को मात्र 250 वर्गमीटर में के दायरे मे इसे स्थापित किया जा सकेगा, जबकि एक पावर सब स्टेशन के लिए 2400 वर्गमीटर जमीन की साधारणतया जरूरत पड़ती है। पटना के छज्जूबाग प्रेस क्लब कैम्पस, बाजार समिति बकरी बाजार और गुलजार बाग आपूर्ति प्रमंडल के पंचशील मंदिर हाई स्कूल के पास ई-पावर हाउस लगाए जा रहे, एक सब पावर स्टेशन के लिए अभी जगह का चयन नही हो सका है। ये सभी ई-पावर हाउस के 15 सितम्बर तक उर्जान्वित होने की उम्मीद है। जबकि मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में कार्य अंतिम चरण मे चल रहा है।
एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी ले जाया जा सकेगा
इस चलंत पावर सब स्टेशन में खास बात यह है कि जरुरत पड़ने पर पावर सब स्टेशन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी ले हस्तांतरित किया जा सकेगा। पावर सब स्टेशन (Power Sub Station) के ब्रेकर सहित सभी उपकरण को कंटेनर के अंदर बंद रखा जाएगा, जिससे बारिश से भी उसका बचाव होगा। बाहरी हिस्से में सिर्फ 10-10 एमवीए का दो पावर ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। इसे लगाने के लिए चबूतरा बना दिया गया है। कंटेनर की लंबाई 12 मीटर 100 इंच, ऊंचाई 14 फीट और चार मीटर 100 इंच होगी। इस तकनीक मे उपकरणों को ठंडा रखने के लिए छह एसी लगाए गए हैं। इस पावर स्टेशन को सचालित करने के लिए ना तो ज्यादा भूमि की जरुरत होती है और ना ही मैन पावर कि, इसे स्काडा से संचालित किया जा सकता है।
एक ई- पावर हाउस की कीमत है इतनी
बिहार के पटना के डाकबंगला आपूर्ति प्रमंडल के छज्जूबाग प्रेस क्लब कैम्पस पांच फीट ऊंचे चबूतरे पर कंटेनर लगा दिया गया है।। कंटेनर का आयात फ्रांस की कंपनी स्लाइडर इलेक्ट्रीक से की गई है। एक ई- पावर हाउस के निर्माण की लागत छ्ह करोड़ रूपये है। छज्जूबाग मे जो ई-पावर हाउस स्थापित होंगे, वह करबिगहिया ग्रिड और जक्कनपुर ग्रिड के 33केवी फीडर से जुड़ा रहेगा। यहाँ से निकलने वाले 11केवी के फीडर भूमिगत होंगे।
इस पावर सब स्टेशन मे बिजली का तार नहीं दिखेगा। पावर ट्रांसफार्मर को पटना लाया जा चुका है। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए चार तथा नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के लिए दो ई-पावर हाउस को मंजूरी मिली है। छज्जूबाग मे एक माह के अंदर ई पावर हाउस स्थापित कर लिए जाएंगे।