बिहार की राजधानी पटना के गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल और पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड का अस्थाई पिडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पिकू) वार्ड का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश की सरकार ने बच्चों के बेहतर ढंग से उपचार के लिए 28 जिला हॉस्पिटलों में अस्थाई रूप से पीकू वार्ड बनाने की तैयारी की थी, मगर किसी वजह से 14 जिलों में निर्माण शुरू नहीं हो सका था।
निविदा की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद तीन माह में निर्माण की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। राजधानी पटना सहित वैशाली, गोपालगंज, सिवान, मधुबनी, नालंदा, बेतिया, पूर्णिया, मधेपुरा और जहानाबाद जिला अस्पतालों में 42-42 बेड जबकि सुपौल और भागलपुर जिला अस्पताल में 32-32 बेड वाले पिकू वार्ड बनाए जाने हैं। भागलपुर जिले के जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल में 25 जबकि सदर हॉस्पिटल में 10 बेड वाला अस्थाई पिकू वार्ड बनाने की योजना है।
भारत सरकार ने गंभीर बच्चों के इलाज के लिए कोविड इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज चरण-2 के तहत पिकू वार्ड बनाने हेतु राशि दी थी। प्राथमिकता के तहत 28 जिलों का चयन पिंकू वार्ड निर्माण के लिए किया गया था। इनमें से 22 जिला अस्पताल में 42-42 जबकि बाकी के 6 जिला हॉस्पिटल में 32-32 बेड वाले पिकू वार्ड बनाने की योजना थी। बिहार स्वास्थ्य सेवा आधारभूत संरचना निगम के द्वारा फरवरी महीने में निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दिया गया था।
दो मेडिकल कॉलेज और 14 जिलों के अस्पताल में निर्माण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सका था। अस्पतालों के साथ गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल और पीएमसीएच में अस्थाई पीकू बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू कराने की बात कही गई है। अब 42-42 बेड वाले पिकू वार्ड 10 जिला अस्पतालों में जबकि 10 बेड वाला पिंकू वार्ड एक जिला में बनना है। इन हॉस्पिटलों में वार्ड निर्माण हेतु राशि का आवंटन कर दिया गया है। अब निर्माण हेतु निविदा निकाली जानी है।