अब बिहार में क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर होगा। आईपीएल के तर्ज पर बीपीएल आया नहीं बिहार प्रीमियर लीग की बिहार में शुरुआत होगी। इसमें अलग-अलग खेलों में हर जिला टीम तैयार कर अपना जौहर दिखायेगी। इस टूर्नामेंट में एक जिला दूसरे जिले को चुनौती पेश करेगा जो राज्य स्तरीय टूर्नामेंट का स्वरूप लेगा। साल भर की किसी ना किसी खेल का आयोजन होता रहेगा।
राजस्थान के जीतने वाली विजेता टीम को 4-5 लाखों रुपए की नगद राशि दी जाएगी। स्पोर्ट्स डेवलपमेंट अथॉरिटी बिहार के महानिदेशक सह आईपीएस अधिकारी रवींद्रन शंकरण ने यह जानकारी दी है। स्वामी विवेकानंद क्रीड़ा एवं योग संस्थान द्वारा शनिवार को आयोजित बिहार खेल संवाद में यह बात बोल रहे थे। उन्होंने जानकारी दी कि बेहतर प्रतिभा को राष्ट्रीय खेल अकादमी में ट्रेनिंग दिलाया जाएगा।
राज्य सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री डॉक्टर आलोक रंजन ने कहा कि पूरे बिहार में खेल की मैपिंग कराई जाएगी। अलग-अलग खेलों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खोज कर एक बेहतर प्लेटफार्म दिया जाएगा। इस दिशा में पहल शुरू हो गई है ताकि युवा स्पोर्ट्स में अपना भविष्य संवार सकें। बिहार में देश का छठा खेल विश्वविद्यालय बनकर तैयार होगा।
मंत्री ने कहा कि खेल प्राधिकरण के लिए एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगी। इसके लिए बाइलॉज तैयार हो गया है। स्वीकृति के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद बिहार खेल प्राधिकरण को एक स्वतंत्र निकाय के रूप में मान्यता मिले इसके लिए आगामी हफ्ते बिहार सरकार को भेज दिया जाएगा। वहीं, पूर्व आईएएस और योजना विभाग के पूर्व प्रमुख सलाहकार रहे अमिताभ वर्मा ने पंचायती राज संस्थाओं के स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए 5 से 10 प्रतिशत फंड खेलकूद के विकास के लिए देने पर जोर दिया। ( इस आर्टिकल में प्रयोग किए गए चित्र प्रतीकात्मक हैं।)