बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बुधवार को पटना के होटल मौर्य में सीआइआइ की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड पीरियड में भी राज्य में सबसे ज्यादा निवेश आया। टोटल 39 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया, जिसमें सिर्फ 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश एथेनाल में हुआ है। उद्योग मंत्री ने कहा कि मेक इन बिहार को हम बढ़ावा दे रहे हैं। इसका विषय एडवांटेज बिहार संकल्प से सिद्धि, बिहार 75 था। मंत्री ने कहा कि राज्य में पानी है, मक्का है, कुशल कामगार हैं। इसलिए बिहार एथेनाल का हब बन सकता है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि चार एथेनाल इकाई बनकर तैयार है। 13 जगहों पर काम जारी है। रिकॉर्ड समय में पेप्सी का प्लांट तैयार हुआ है। मुजफ्फरपुर में मेगा फूड पार्क का निर्माण भी शुरू हो गया है। चीनी मिलों की जमीन को इस्तेमाल में लाया जा रहा है। बिहार में फूड प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल के क्षेत्र में अपार संभावनाएं दिख रही हैं। बिहार की सीमा पर सिरेमिक टाइल्स और शीशा की प्लांट स्थापित की जा सकती है। राज्य में इलेक्ट्रॉनिक बिजली मीटर बनाने पर बात हुई है। सिवाय उद्योग के हर सेक्टर में बिहार आगे हैं। मोदी ने कहा कि हरियाणा में काम करने वाले बिहार के मजदूरी यहां लौटने के इच्छुक है।
बता दें कि साल 2022-23 के लिए सीआइआइ-बिहार राज्य परिषद का अध्यक्ष चुना लिया गया। होटल विडसर के निदेशक नरेंद्र कुमार लगातार दूसरी दफा अध्यक्ष चुने गए हैं। साल 1987 में बिल्डकान प्राइवेट लिमिटेड की नींव नरेंद्र कुमार ने रखी थी। अब यह देश का बड़ा ब्रांड बन गया है। वहीं, स्वधा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक व बिल्डर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके सचिन चंद्रा को दूसरी बार उपाध्यक्ष पद के लिए चुना गया।
सीआइआइ के पूर्व चेयरमैन प्रमोद शर्मा ने कार्यक्रम में कहा कि कृषि, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार को आगे बढ़ाना होगा। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ बिजनेस मैनेजमेंट के वरिष्ठ निदेशक एके नायक ने कहते हैं शिक्षा को उद्योग से जोड़ने की आवश्यकता है। वहीं, रूबन मेमोरियल हास्पिटल के निदेशक सत्यजीत सिंह ने कहा कि बिहार में प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य खर्च प्रति वर्ष 703 रुपए है, जबकि केरल में यह 1,000 रुपए है।