बिहार के वित्तीय साल 2022-23 के लिए आने वाले बजट में तकरीबन दस फीसदी की वृद्धि की तैयारी है। बता दें कि बिहार में राज्य बजट विधानमंडल में 28 फरवरी को पेश किया जाना है। इसके लिए सभी विभागों से आने वाले वित्तीय साल के लिए आय-व्यय का प्रस्तावित आकार वित्त विभाग ने मांग कर वार्षिक बजट की कवायद शुरू कर दी है। हाल ही में इसके लिए विभागीय आला अधिकारियों एवं वित्तीय सलाहकारों के साथ बैठक आयोजित की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार में कोविड की तीसरी लहर के बावजूद भी अर्थव्यवस्था की स्थिति खासा प्रभावित नहीं होने और सेंट्रल गवर्नमेंट के टैक्सों में बिहार की हिस्सेदारी बढ़ने, कर्ज लेने की सीमा चार फीसदी होने व आंतरिक जरियों से प्राप्त आमदनी के आधार पर बजट आकार 2.40 लाख करोड़ का हो सकता है। आने वाले वित्तीय साल के लिए नेशनल हेल्थ मिशन से बीते साल के मुकाबले 1100 करोड़ रुपये अधिक मिलने की उम्मीद है। इसी तरह, अन्य मदों में भी बिहार को केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं। बीते राज्य बजट का आकार 2.18 लाख करोड़ था। इसमें 22 से 24 हजार करोड़ की वृद्धि की तैयारी है।
सूत्रों की मानें तो, राज्य बजट में इस साल स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने और आधी आबादी के विकास से संबंधित क्षेत्रों पर बल दिया जाएगा। इनमें नये अस्पतालों के बनाने, मरीजों के जांच व उपचार की सुविधाओं में वृद्धि सहित अन्य पहल को शामिल होगी। वहीं, महिलाओं के विकास को लेकर छात्राओं के लिए स्कूली शिक्षा व प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियों में सहायता, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और अन्य विषय शामिल किए जाने पर बात चल रहा है।
डिजिटल बिहार कार्यक्रम के तहत वर्ग छह और उससे ऊपर की वर्गों के विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा और ट्रेनिंग दिए जाने पर बल दिया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ बिहार बजट पर केंद्र सरकार की गति शक्ति योजना का भी प्रभाव दिखेगा। इसके तहत नई परियोजनाएं भी लेने की कवायद शुरू है। इनमें आधारभूत संरचना के विकास से संबंधित विषयों सड़क, बिजली, संचार सेक्टर में विकास की गति को रफ्तार देने की बात कही गई है। (किस आर्टिकल में चित्रों का प्रयोग सांकेतिक रूप से किया गया हैं।)