बिहार में 10 नए स्टेट हाईवे निर्माण को हरी झंडी मिल गई है। एशियन डेवलपमेंट बैंक से आर्थिक सहयोग लेकर इन सड़कों का निर्माण किया जाना है, जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। विकास आयुक्त के नेतृत्व में स्क्रीनिंग समिति ने सभी 10 स्टेट हाईवे के निर्माण पर स्वीकृति दी है। एक से दो दिन में केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा। फिर एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज लेकर सड़क निर्माण शुरू किया जाएगा। इन सड़कों के निर्माण होने से 13 जिलों के वाशिंदों को डायरेक्ट लाभ मिलेगा।
बता दें कि बिहार राज्य पथ विकास निगम इन सभी स्टेट हाईवे का निर्माण करेगा। निगम अधिकारियों की मानें तो विकास आयुक्त की परमिशन मिलने के बाद इसका प्रस्ताव वित्त विभाग फिर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन काम कर रहे आर्थिक कार्य विभाग को सौंपा जाएगा। वहां भेजे गए प्रस्तावों पर चर्चा होगा। आर्थिक कार्य विभाग से मुहर लगने के बाद बिहार को सड़क निर्माण हेतु एडीबी से कर्ज मिलेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में पथ निर्माण विभाग ने 10 स्टेट हाईवे और एक पुल निर्माण का फैसला लिया है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में सुपौल जिले के गणपतगंज से परवा 53 किमी लंबा स्टेट हाईवे बनेगा। सारण और सिवान से होकर निकलने वाली मांझी-दरौली गुठनी सड़क का निर्माण 71.6 किलोमीटर में होगा। वहीं 81 किलोमीटर लंबाई में ब्रह्मपुर-कुरानसराय-इटाढ़ी-सरंजा सड़क का निर्माण होगा। नवादा और गया से होकर निकलने वाली वनगंगा-जेठियनगहलोर-भिंडस इसका निर्माण 41.6 किमी लंबाई में होगा। भोजपुर में 32.3 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी।
वहीं, मधुबनी और सीतामढ़ी से होकर निकलने वाली 51.35 किमी लंबी सीतामढ़ी-पुपरी-बेनीपट्टी सड़क को स्टेट हाईवे में बनाया जाएगा। भागलपुर और बांका से होकर निकलने वाली धोरैया-इंग्लिश मोड़-असरगंज स्टेट हाईवे का निर्माण 58 किलोमीटर लंबाई में होगा। अतरवेल से जाले के बीच 45 किमी एसएच सड़क का निर्माण होगा। इन सड़कों के साथ ही मुजफ्फरपुर जिले में हथौड़ी-आथर-बभनगामा-औराई मार्ग में आथर से बभनगांवा के बीच बागमती नदी के ऊपर उच्चस्तरीय पुल और एप्रोच पथ का निर्माण होगा।
बता दें कि इन सड़कों के निर्माण से जिन जिलों को लाभ मिले जा रहा है उनमें भोजपुर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, बांका, मधुबनी, नवादा, बक्सर, गया, सीवान, सुपौल और सारण शामिल हैं। निर्माण होने वाली 10 स्टेट हाईवे में सात सड़कें एमडीआर हैं। इन सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर से भी कम है। विभाग ने इन सड़कों की महत्ता को देखते हुए संबंधित क्षेत्रों का सर्वे करवाया था। सड़कों के चौड़ीकरण हो जाने से शहरों में होने वाली जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी और कम समय में लोग एक से दूसरे जगह आ-जा सकेंगे।