बिहार के जमीन मालिकों को 1 मार्च से डिजिटाइज्ड अधिकार अभिलेख मिलना शुरू हो जाएगा। बिहार के सभी 534 प्रखंडों पर ये कागजात मिलेंगे। नई व्यवस्था के तहत जमाबंदी की डिजिटल सिग्नेचर की हुई प्रति मिलेगी। राजस्व के सभी तरह के कागजात डिजिटाइज्ड अधिकार अभिलेख समाहित है। रैयतों को इस तरह राजस्व से संबंधित अभिलेख ऑनलाइन मिलेगा। राजस्व विभाग तैयारियों को अंतिम रूप देने जा रही है।
ऑफिशियली खबर के अनुसार, राज्य सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने यह सेवा शुरू करने में हो रही बिलंता पर नाराजगी जाहिर की थी और भूमि मालिकों को यह सेवा शीघ्र उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। बता दें कि राज्य में टोटल जमाबंदियां की संख्या 3.77 करोड़ है, इन्हें पूरी तरह डिजिटाइज्ड किया जा चुका है। इसके अलावा कागजातों को ऑनलाइन मोड में कर दिया गया है।
एक अन्य जानकारी के अनुसार, सरकार के फैसले से डिजिटल जमाबंदी को सुरक्षित रखने की जवाबदेही ब्लॉक के राजस्व अधिकारी या अंचल निरीक्षक को दी जाएगी। जो भी कागजात दिए जाएंगे उस पर कर्मचारी, राजस्व अधिकारी या सर्किल ऑफिसर का हस्ताक्षर होगा। बता दें कि जमाबंदी पंजी की हार्ड कॉपी मॉडर्न अभिलेखागारों में रखी जाएगी। इससे यह साफ हो जाएगा कि जमाबंदी पंजी में अगर कोई सुधार किया गया, तो किस तिथि को और किसके हस्ताक्षर से किया गया है।
गौरतलब है कि इसके आधार पर ही पूरे राज्य में 2018 के अक्टूबर से ऑनलाइन म्यूटेशन शुरू हो गया था। उस वक्त इसमें कई प्रकार की कमियां और गलतियां रह हुई थी। इन्हें ठीक कराने के लिए परिमार्जन पोर्टल की शुरुआत हुई थी।