योजना एवं विकास विभाग में दो पदों पर संविदा के तहत बहाली होने जा रही है। इन्हें मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यालय परिचारी और ड्राइवर के पदों पर नियुक्त किया जाएगा। विभाग मानव संसाधन से संबंधित सेवाएं मुहैया कराने वाली एजेंसी के साथ करार करेगा। एक साल के लिए पहला करार होगा। काम काज ठीक रहने पर 5 साल तक विस्तार कर दिया जाएगा।
सूत्रों की मानें तो अगले वित्तीय साल में नए लोगों को सेवा में लिया जाएगा। श्रम विभाग के नियमों के तहत वेतन का निर्धारण किया जा रहा है। कुशल श्रमिक के लिए निर्धारित मजदूरी दोनों संवर्ग-कार्यालय परिचारी और ड्राइवर को दी जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में ये कर्मी स्थाई सेवा का दावा नहीं करेंगे।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कहते हैं कि अगले बजट में सरकार श्रमिक हितों का ख्याल रखेगी। राज्य की खुशहाली के लिए उद्योग का विकास जरूरी है। उद्यमिता विकास और आत्मनिर्भर बिहार बिहार के लिए ठोस पहल होगी। बता दें कि गुरुवार को उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल श्रमिक प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। बैठक में उनके साथ मजदूर संघ के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए।
वहीं, दूसरी ओर भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि ने बिहार शताब्दी असंगठित कामगार दुर्घटना योजना का नामाकरण दंतोपंथ ठेंगड़ी बिहार शताब्दी असंगठित कामगार दुर्घटना योजना करने की मांग की है। उन्होंने एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपया योजना की राशि करने की बात कही है। राज्य के बंद कल कारखानों को चालू किया जाए ताकि रोजगार के अवसर उपलब्ध हों।