झारखंड के उत्तरी सीमा पर स्थित गढ़वा जिला का बिहार से डायरेक्ट संपर्क दूर नहीं रहेगी। दोनों राज्यों को जोड़ने के मकसद से सोन नदी पर बनने वाला बहु प्रतीक्षित पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। अब दोनों प्रदेश लोगों के बीच का सरोकार और मजबूत होगा। बता दें कि झारखंड राज्य का गढ़वा जिला सीमावर्ती सोन तक के ब्लॉक कांडी बा दूसरे प्रखंडों का बिहार के सीमावर्ती सोनतटीय के ब्लॉक नौहट्टा व दूसरे प्रखंड के लोगों का सदियों से आपस में सशक्त सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंध रहा है। दोनों प्रदेशों के बीच सोन नदी कई किलोमीटर में बहती है।
लोगों के नाव के सहारे आना और जाना होता है। सड़क रोड से जाने के लिए लोगों को 150 किलोमीटर का सफर तय करना होता है। उत्तर प्रदेश में डैम बनने से पहले गर्मी के दिनों में सोन नदी सूख जाती थी तब 4 महीने लोग पैदल ही नदी पार कर जाते थे। लेकिन रिहंद डैम के बन जाने के बाद से ही साल के 365 दिन पानी भरा रहता है। जिसके वजह से लोगों को सालों भर नाव से ही नदी पार करना मजबूरी होता है।
झारखंड के गढ़वा जिला के कांडी के श्रीनगर से लगभग दो किमी चलकर सोन नदी पार करने के बाद व्यक्ति बिहार के रोहतास जिला में प्रवेश यानी पहुंचता है। लेकिन इसी रास्ते को रोड मार्ग से तय करने के लिए रेहला, पड़वा मोड़, मझिआंव, गढ़वा, औरंगाबाद, तिलौथू, अकबरपुर, डेहरी होते हुए 150 किमी की लंबी दूरी तय करना पड़ता है। सोन नदी पर बनने वाले इस योजना के पूरा हो जाने के बाद 2 किलोमीटर पैदल चलकर रोहतास जिला के क्षेत्र में पहुंचा जा सकता है। दोनों प्रदेशों के बीच खेती उत्पाद और वन्य उत्पाद जैसे का आपसी खरीद और बिक्री करना आसान हो जाएगा।
बता दें कि सोन नदी पर पुल बनाने के लिए कांडी के गांधी के नाम से मशहूर स्व बचरू साव ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया था। वह साइकिल से ही छोटा सा साउंड लटकाए हुए पर्चा बांटते लोगों को इसके प्रति अलख जगाया करते थे। उस वक्त लोग इनका मजाक उड़ाते थे लेकिन अब सपने हकीकत में बदल गया है तब लोग उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं।