पूर्व मध्य रेल के जीएम अनुपम शर्मा ने माल ढुलाई को लेकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण स्थल का मुआयना किया और तीव्रता के साथ कार्य पूरा करने का आदेश दिया। जीएम ने बैठक उनके साथ डीएफसीसीआईएल के प्रबंधक निदेशक आरके जैन व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी रही। बैठक में डीडीयू से औरंगाबाद जिले के सोननगर तक चल रहे निर्माण कार्य में आरओबी का कार्य शीघ्र पूर्ण करने का आदेश दिया।
इसके अलावा आरयूबी सहित इस रेलखंड के स्टेशनों के यार्ड का रिमॉडलिंग, विद्युत व सिगनल से संबंधित कार्य भी जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया। बता दें कि डीडीयू से चिरेलापाथु के बीच 49 तथा सोननगर से बगहा विशुनपुर के बीच एक रेलवे गुमटी है, जिसमें 43 रेलवे क्रासिंग पर आरओबी तथा बाकी सात समपार फाटक पर आरयूबी का प्रावधान किया गया है। गंजख्वाजा व चिरेलापाथु के बीच सभी आरयूबी का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
बता दें कि अगले चरण में सोननगर से गया, नेसुबो गोमो, धनबाद के रास्ते पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक निर्माण की योजना है। साल 2022-23 में निर्माण कार्य पर 2000 करोड़ के लागत की योजना है। तेजी से सोननगर से दानकुनी तक का कार्य हो इसके लिए पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार में सभी भी यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य जल्द से जल्द करने का आदेश दिया। माल ढुलाई को आसान बनाने व पूर्व से बने रेल लाइनों पर बढ़ रहे लोड को कम करने के मकसद से रेलवे की अनुषंगी इकाई डीएफसीसीआईएल दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
बता दें कि पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 1856 किलोमीटर रेलमार्ग द्वारा पंजाब के साहनेवाल से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड राज्यों से होते हुए गुजरेगा और पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जोड़ेगा। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का बिहार में 239 किमी हिस्सा गुजरेगा। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के शुरू हो जाने से इस ट्रैक पर माल गाड़ियों का परिचालन तीव्र गति से होगा।