बिहार में अवैध खनन और पराली जलाने पर अब रिमोट सेंसिंग तकनीक और सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए निगरानी रखी जाएगी। तारामंडल के ऊपरी माले पर स्थित बिहार रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर का विस्तार कर यहां 11 हाई एंड वर्क स्टेशन बनाने का काम जारी है, जहां अद्यतन यंत्रों के सहारे सेटेलाइट के माध्यम से हर समय जरूरी जिओ सूचना इकट्ठा की जा सकेगी।
केंद्र राज्य सरकार के कई विभागों और अन्य संस्थानों को उनकी आवश्यकता के मुताबिक यहां कुशल वैज्ञानिकों की टीम अनुसंधान कर डाटा उपलब्ध कराएगी। केंद्र द्वारा संबंधित विभाग को यह मालूम हो सकेगा कि किन इलाकों में अवैध खनन हो रहा है। ताप और उष्णता के आकलन के मदद से पराली जलाने वाले इलाकों पर भी निगरानी रखी जाएगी।
सूबे में हरित क्षेत्रों की स्थिति, नदियों, कूपों और जलाशयों के हालात और परिवहन के लिए संरचना से जुड़े जिओ इंफॉरमेटिक डाटा आसानी से जुटाया जा सकेगा। इसे एक डेटाबेस कम ट्रेनिंग सेंटर के रूप में भी डेवलप किया जा रहा है। अभी से ही अद्यतन आंकड़ों से सरकार के कई विभागों को अपडेट किया जा रहा है। सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग की कोशिश से इसे आने वाले तीन महीनों में बनाकर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
विभाग के अधिकारियों की बात करें तो राज्य में पहली बार इस स्तर पर जिओ इंफॉरमेटिक्स आंकड़ों पर खोज और अनुसंधान की दिशा में किसी केंद्र को डेवलप किया जा रहा है। इसे अद्यतन बनाने के लिये सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की खरीदारी होनी है, इसके लिए विभाग ने क्रय आदेश जारी कर दिया है। आपदा और कृषि से संबंधित जानकारियां भी इकट्ठा की जा सकेंगी। यह केंद्र कृषि विभाग, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, जल संसाधन विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, पर्यावरण एवं वन विभाग को आंकड़े भी उपलब्ध करायेगा।