बहुत जल्द बिहार में जमीन के सर्वे का काम पूर्ण हो जाएगा। गौर करने वाली बात यह है कि बिहार के क्षेत्रों में सर्वे पूर्ण हो जाएगा वहां के किसानों का खर्च भी बढ़ जाएगा। लगान के तौर पर किसानों को तीन गुनी राशि का भुगतान करना होगा। बताते चलें कि प्रथम फेज में राज्य के जिन 20 जिलों में सर्वे शुरू हुआ था उनमें अधिकांशतः जिले में सर्वे का काम पूरा हो गया है। बस विभाग घोषणा के लिए अंतिम मुहर लगने के इंतजार में है। यह पूरा होते ही लगान की राशि तीन गुनी हो जाएगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मुताबिक, अब वास जमीन के लिए एक रुपये और कृषि जमीन के 60 पैसे प्रति डिसमिल पैसा भुगतान करना होगा। वर्तमान में किसानों को प्रति डिसमिल 20 पैसे की दर से लगान देना होता है। यह पुरानी कर उन जिलों के लिए है, जहां केवल कैडेस्ट्रल सर्वे हुआ है, लेकिन वैसे 13 जिलों में जहां रिविजनल सर्वे भी हो चुका है वहां की दर इससे कुछ अधिक है नया सर्वे हो जाने के पश्चात राज्य में लगान की दर सामान होगी।
विदित हो कि सूबे में सर्वे पूरा होने के साथ ही लगान की दर भी रिवाइज की जाती है। प्रश्न यह उठता है कि दर बढ़ने से इसका लोड किसानों पर बढ़ेगा या घटेगा? इसके साथ ही चार प्रकार का शेष भी किसानों को भी देना होता है। उम्मीद लगाई जा रही है की नई दर लागू हो जाने के बाद सरकार से उसको लगाने में मिला दे। अगर ऐसा होता है तो किसानों का कुछ हद तक कम होगा।
बता दें कि फिलहाल राज्य के पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, सारण, कैमूर, बक्सर, रोहतास, मधुबनी, समस्तीपुर, सिवान, नवादा, पूर्वी चंपारण गोपालगंज जिले में सर्वे का काम शुरू है। पहले चरण में जिन 20 जिलों में सर्वे हो रहा है, वहां लगभग-लगभग पूरा हो गया है। सरकार सर्वे में ऐसी व्यवस्था कर रही है कि सभी जिलों में सर्वे पूरा हो जाने के बाद आने वाले दिनों में भूमि के सर्वे की आवश्यकता नहीं होगी।