बिहार के छात्रों को सरकार बहुत जल्द सौगात देने जा रही है। बिहार में खनन के माध्यम से रोजगार सृजित करने पर सरकार का ध्यान है। बिहार में बालू खनन का राजस्व राज्य सरकार के लिए महत्वपूर्ण जरिया है। इस विभाग में बिहार सरकार बड़ी संख्या पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर मंथन कर रही है। इसको लेकर जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
बिहार सरकार के लिए बालू का खनन भले ही राजस्व का मुख्य जरिया हो, लेकिन खनन विभाग के पास संसाधनों का काफी अभाव है। विभाग में कई सारे सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं, खनन एवं भू-तत्व विभाग अधिकारियों और कर्मियों की कमी का सामना कर रहा है। बिहार में सहायक निदेशक के सैकड़ों पद रिक्त है, निदेशक सहित अराजपत्रित कर्मचारियों के पद खाली पड़े हुए हैं। इन पदों को भरने के लिए विभाग की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है।
इन 354 खाली पदों पर नियुक्त करने से पूर्व, कुछ दिनों पहले ही मुख्य सचिव ने खनन एवं भू-तत्व विभाग की एक समीक्षा बैठक बुलाई थी, इसमें यब बात सामने आई विभाग में संसाधनों और कर्मचारियों की कमी है। विभाग में सहायक निदेशक, अपर निदेशक के लगभग 40 पदों पर बहाली होनी है। प्रोन्नति के आधार पर ही इन पदों को भरा जाना है किंतु विभाग में नई रिक्तिया नहीं होने के वजह से यह काम मुश्किल लग रहा है। बैठक में यह बात भी उजागर की गई कि अराजपत्रित पदाधिकारियों के लगभग 354 पद खाली है, जो 10 सालों से नहीं भरे गए हैं।
बैठक में तमाम समस्याओं से रूबरू होने के बाद मुख्य सचिव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि खाली पदों को भरने के लिए नियुक्ति का एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाए, इसके साथ ही किसके तहत नियुक्ति होगा इस पर भी तैयारी किया जाए। साफ तौर पर निर्देश दिया गया है कि महीने के आखिर तक यह तमाम प्रक्रियाएं पूरा कर विभाग सामान्य प्रशासन विभाग को बहाली के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध करा दें।