असंगठित क्षेत्र में बिहार में काम करने वाले कामगारों का निबंधन दो करोड़ को पार कर गया है। बिहार में सोमवार की शाम तक दो करोड़ 11 लाख 47 हजार 280 कामगारों का निबंधन हो गया है। जिस में महिलाओं की भागीदारी 56.93 फीसदी है यानी एक करोड़ 19 लाख 55 हजार 95 महिलाएं हैं। वहीं पुरुष 43.47 फीसदी है यानी 91 लाख 92 हजार 123 पुरुष कामगारों ने निबंधन कराया है। निबंधन के मामले में बिहार फिलहाल तीसरे नंबर पर है।
निबंधन के मामले में नजर डालें तो इस सूची में पहला नाम उत्तर प्रदेश का है जहां 7 करोड़ 56 लाख लोगों ने निबंधन कराया है। दूसरे नंबर पर वेस्ट बंगाल 2.41 एक करोड़ के साथ है। सूची में तीसरा नंबर बिहार का है जहां 2.11 करोड़ कामगारों ने निबंधन करा लिया है। 74 लाख के साथ झारखंड पांचवे नंबर पर शामिल है।
बिहार में साढ़े तीन करोड़ कामगारों का निबंधन करने की योजना है। डेढ़ करोड़ कामगारों का 31 दिसंबर तक निबंधन हो सका था। इसके बाद निबंधन में तीव्रता आई है। गत 26 अगस्त को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भारत के तकरीबन 43.7 करोड़ असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। निबंधित कामगारों में सबसे ज्यादा कृषि क्षेत्र के कामगार हैं। कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए एक करोड़ से अधिक कामगार हैं।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लाभ पहुंचाना ही कामगारों तक इसका मुख्य लक्ष्य है। जो अलग-अलग क्षेत्र में असंगठित श्रमिक काम करते हैं उनका पहचान पत्र और आधार कार्ड के तर्ज पर ही इनके काम का सारा लेखा-जोखा तैयार किया जाना है। ताकि कामगारों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योजनाएं की रूपरेखा तैयार कर उनका भी उत्थान किया जाएगा। खुद से यार सहज वसुधा केंद्र के जरिए कामगार इसका रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।