बिहार में शिक्षकों की बहाली के लिए होने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन होता रहेगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बयान जारी कर सारी कंफ्यूजन को दूर कर दिया है। शिक्षा मंत्री की माने तो शिक्षा विभाग के निर्णय को समझने में लोगों को गलतफहमी हो गई। केवल सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति के लिए ही शिक्षा विभाग टीईटी का आयोजन नहीं करने जा रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि सातवें चरण की बहाली जल्द से जल्द पूरा हो।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सातवें चरण की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं लिया जाएगा। परीक्षा लेने से बहाली में देरी हो जाएगी जिसके चलते शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है कि टीईटी परीक्षा का आयोजन नहीं होगा। प्रावधान के मुताबिक शिक्षक नियुक्ति के लिए सीटीईटी और टीईटी किसी एक परीक्षा में पास होना जरूरी है। अभी की खाली पदों को देखो तो पहले संपन्न हुई दोनों परीक्षाओं में अभ्यर्थी संतोषजनक संख्या में मौजूद हैं।
शिक्षा मंत्री ने तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार ने टीईटी परीक्षा को बंद कराने का फैसला नहीं किया है। मंत्री ने जानकारी दी कि छठे चरण की बहाली प्रक्रिया को सरकार तत्काल पूरा कर अगले फेज की बहाली की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। पूर्व के परीक्षा में पास होने वाले छात्र अगले फेज की नियुक्ति करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। आने वाले समय में टीईटी परीक्षा पर रोक की कोई बात ही नहीं है। बताते चलें कि बिहार में सातवें चरण के तहत से टोटल 80,000 शिक्षकों की बहाली होने की बात कही जा रही है।