अब बिहार की सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) का आयोजन नहीं करेगा। इस पर सरकार ने रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग ने खुद ऑफिसियल लेटर के माध्यम से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को अपने निर्णय से रूबरू कराया है।
बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा प्रत्येक साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) का आयोजन किया जाता है। ऐसे में प्रदेश सरकार के द्वारा अलग से शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने की जरूरत नहीं महसूस हो रही है। रवि प्रकाश (निदेशक, प्राथमिक शिक्षा) ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के सचिव को जानकारी दी है। रवि प्रकाश में यह लेटर ट्विटर पर भी डाला है। इसके बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि बिहार सरकार और शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन नहीं करेगा।
मालूम हो कि सरकार ने बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने का जिम्मा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को सौंप रखा है। शिक्षक पात्रता परीक्षा का बिहार में आयोजन नहीं होने पर शिक्षक बनने के पात्र उम्मीदवारों ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, इसके बाद उच्च न्यायालय ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। इसके बाद शिक्षा विभाग से इस संदर्भ में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जानकारी मांगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लेटर लिखकर शिक्षा विभाग ने सरकार के निर्णय की जानकारी दी।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लिखे लेकर में प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने पत्र में कहा है कि अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में शिक्षक पात्रता परीक्षा के संदर्भ में 26 अप्रैल 2022 को बैठक में फैसला लिया गया है कि बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय प्रारंभिक विद्यालय सेवा (प्रोन्नति, स्थानांतरण, नियुक्ति, सेवा शर्त नियमावली 2020 और अनुशासनिक कार्रवाई ) में किए गए प्रावधानों के अनुसार शिक्षक बहाली के लिए तय अर्हता में केंद्र या बिहार सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में पास होना जरूरी है।
बता दें कि हर साल केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रीय शिक्षक वर्ग का परीक्षा का आयोजन किया जाता है। एक साल में दो बार केंद्र सरकार सीटेट परीक्षा लेती है। बिहार के जो व्यक्ति जो शिक्षक बनने की रूचि रखते हैं उन्हें केंद्र सरकार के केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास करना होता है। बताते कि टीईटी से सीटेट की परीक्षा काफी टफ होती है।
टीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम का कहना है कि बिहार सरकार अपने कर्तव्य से नहीं भाग सकती है। शिक्षा के अधिकार के अनुसार हर प्रदेश सरकार की संवैधानिक जवाबदेही है। अपने यहां सभी राज्य टीईटी परीक्षा लेती है। केंद्र सरकार के द्वारा लिया जाने वाला सीटेट में बिहार के लोकल लैंग्वेज को तवज्जो नहीं दिया जाता है, लेकिन टीईटी परीक्षा में लोकल लैंग्वेज को महत्ता दी जाती है। वही सीटेट का परीक्षा सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार होता है, जबकि टीईटी की परीक्षा बिहार सरकार अपने छात्रों से सिलेबस के अनुसार लेती है।