बिहार में अब नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव का फैसला मतदाता मालिकों के हाथ में होगा। अब तक मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव पार्षदों के जरिए होता आ रहा है। नीतीश सरकार इसमें बदलाव करने के मूड में है। बिहार सरकार ने बदलाव के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है और शीघ्र ही कैबिनेट में लाए जाने की उम्मीद है।
कैबिनेट की ओर से हरी झंडी मिलते ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। व्यवस्था के लागू होने के पश्चात मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मैनेजमेंट का खेल पर अंकुश लगेगा और मतदाता मालिक ही मेयर और डिप्टी मेयर को सीधा चुनकर उन्हें जिम्मेदारी सौंपेंगे।
निकायों के गठन की प्रक्रिया नगर विकास विभाग ने शुरू कर दी है। बीते हफ्ते ही राज्य कैबिनेट ने तीन नए नगर निकाय का गठन के अलावे 7 को उत्क्रमित करने दो नगर निकायों के क्षेत्र विस्तार और 7 नगर निकायों के क्षेत्र और नाम में संशोधन को मंजूरी दी थी।
बताते चलें कि पड़ोसी राज्य झारखंड सहित और भी दूसरे राज्यों में जनता ही मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करते हैं। वर्तमान समय में जीतकर आए पार्षद ही मेयर और डिप्टी मेयर की जवाबदेही तय करते हैं। जिसको लेकर समय-समय पर तकरार की स्थिति बनी रहती है। गुटबाजी के चलते विकास के काम भी खासा प्रभावित होते हैं।
अक्सर मेयर और डिप्टी मेयर पर ऐसे चेहरे आ जाते हैं जिन्हें नगर निगम क्षेत्र की जनता पहचानती तक नहीं। मेरी जानकारी के मुताबिक नगर विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्ताव की तैयारी कर ली है। विधि विभाग ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी है। इसी साल अप्रैल-मई में नगर निगम के चुनाव होने हैं लिहाजा इससे पहले ही व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।