बिहार में इस महीने जनवरी में सामान्य से ज्यादा ठंड का असर देखने को मिल सकता है। साथ ही न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा और अधिकतम तापमान कम रहने की उम्मीद जताई गई है। इसके चलते कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान है। इसकी वजह ”ला नीना” का असर है।
मौसम विज्ञान विभाग केंद्र पटना के मुताबिक लाल मीणा के एक्टिव होने के कारण समूचे उत्तरी भारत समेत बिहार में ठंड का असर देखने को मिलेगा। फरवरी और मार्च महीने में भी ठंड रहने की अनुमान जताई गई है। बता दें कि ला नीना प्रशांत महासागर की एक मौसमी दशा है। इस दशा में समुद्र सतह का तापमान काफी कम होता है। एक दो जगहों को छोड़कर सभी जगह पर सामान्य सामान से कहीं ज्यादा बारिश के आसार जताए गए हैं।
आने वाले 48 घंटे में बिहार में कोहरे और कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहेगा। पूरे राज्य में न्यूनतम तापमान में आंशिक रूप से वृद्धि होगी। उत्तरी पश्चिमी हवा के कारण ठिठुरन और कनकनी करने का असर देखने को मिलेगा। बीते दिन गुरुवार को पूर्वी बिहार में खासकर कोहरा का असर देखने को मिला। यहां की दृश्यता 20 मीटर तक सिमट गयी थी। इस दौरान राज्य का सबसे ठंडा जगह छपरा रहा। जहां का न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी में सामान्य से दो डिग्री ज्यादा अधिकतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई है। भागलपुर में सामान्य से एक डिग्री कम 21 डिग्री, गया में सामान से 2 डिग्री कम 20.5 डिग्री और पूर्णिया में सामान्य से चार डिग्री कम 17. 4 डिग्री उच्चतम तापमान रिकॉर्ड किया गया है।