आने वाले समय में बिहार के कई शहरों में सड़क मार्ग, रेल मार्ग और जलमार्ग एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। जल मार्ग से आयात माल को डायरेक्ट रेल मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाएगा। ट्रैफिक के एक तरीके से दूसरे में बिना किसी जद्दोजहद के शिफ्ट किया जा सकेगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की एजेंसियां दोनों मिलकर इसकी संभावना तलाशने में जुटी हुई है। बताते चलें कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना द्वारा मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का हब बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
बिहार के पटना, भागलपुर, हाजीपुर, कटिहार और बक्सर में मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब को विकसित करना संभव है। इन जगहों पर संभावना तलाशी जा रही है। इन जगहों पर जलमार्ग, सड़क मार्ग और रेलमार्ग को सुगमता से एक स्थान पर जोड़ा जा सकता है। इनके आस-पास लॉजिस्टिक हब विकसित करने से लोकल स्तर पर औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। बड़े शहरों के साथ ही छोटे-छोटे जगहों की भी इस उद्देश्य से परख की जा रही है।
पीएम गति शक्ति योजना द्वारा प्रस्तावित मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब को पूरा लिए बिहार सरकार आने वाले समय में लॉजिस्टिक पॉलिसी में कई प्रावधान करने की तैयारी है। पॉलिसी का ड्राफ्ट उद्योग विभाग ने तैयार कर लिया है। बिहार मंत्री परिषद की बैठक में मंजूरी के लिए इसे पेश करने की कवायद है। रेलवे के तरफ से ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर सहित कई परियोजनाओं को राज्य की आधारभूत संरचना से कनेक्ट करना है। अर्थव्यवस्था को तेज करने वाले तमाम कारक एक-दूसरे से जुड़कर गति पा सकें।
कल यानी 7 जनवरी के दिन मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब विकसित करने के उद्देश्य से राजधानी में देश के छह राज्य अपने-अपने प्रोजेक्ट को साझा करेंगे। इन छह राज्यों में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के प्रतिनिधि इसका हिस्सा होंगे। इसका आयोजन बिहार उद्योग विभाग और पूर्व मध्य रेलवे कर रही है।