बिहार के बिजली कंज्यूमर्स के लिए एक अच्छी खबर है। पटना जिले के अंतर्गत बाढ़ के एनटीपीसी के पहले चरण की 660 मेगावाट वाली दूसरी प्लांट का बॉयलर लाइट अप टेस्ट शनिवार के दिन में सफलतापूर्वक तरीके से पूरा हुआ। इस यूनिट से कमर्शियल उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-23 में शुरू हो जाएगा।
बिहार को इस यूनिट से कुल 402 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसके बाहर राज्य में बिजली की उपलब्धता में और बढ़ोतरी होगी। प्लांट के शुरू होने से छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में पावर कट से लोगों को मुक्ति मिलेगी। बीते पांच से छह सालों में प्रदेश में बिजली की उपलब्धता में लगातार सुधार हुआ है।
इस परियोजना के संबंध में बाढ़ एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक बताते हैं कि पिछले साल के नवंबर से ही पहले चरण की पहली यूनिट से राज्य को विद्युत आपूर्ति की जा रही है। दूसरे प्लांट के कमर्शियल उत्पादन शुरू हो जाने से आपूर्ति में और बढ़ोतरी होगी। यहां 660 मेगावाट वाले तीन प्लांट से कुल 1980 मेगा वाट का विद्युत उत्पादन हो रहा है। दूसरे चरण की चौथी और पांचवी यूनिट से साल 2014 से उत्पादन शुरू हो रहा है। नवंबर, 2021 से पहले चरण की पहली यूनिट से उत्पादन शुरू है।
बाढ़ के स्टेज-2 प्लांट की 90.8 फीसद बिजली एवं स्टेज-1 की यूनिट से 60.91 फीसद विद्युत बिहार को आवंटित हो रही है। मौजूदा समय में बिहार को एनटीपीसी से 5361 मेगावाट बिजली मिल रहा है। लाइट अप टेस्ट सफल होने पर मुख्य महाप्रबंधक असित दत्ता और क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक शीतल कुमार ने बाढ़ एनटीपीसी टीम को शुभकामनाएं दी है। औरंगाबाद जिले के नवीनगर इकाई से विद्युत की उपलब्धता बढ़ी है। दूसरी ओर बक्सर जिले के चौसा में भी ताप विद्युत गृह का काम जोरों शोरों से चल रहा है।