बिहार के सभी सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। छह नए कोर्स की शुरुआत अगले साल से होने जा रही है जो कि नई एडवांस टेक्नोलाजी पर आधारित होंगे। यह कोर्स जॉब ओरिएंटेड होगा जो युवाओं को रोजगार दिलाने में कारगर साबित होगा। ये कोर्स आर्क वेल्डिंग व औद्योगिक रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण, आइओटी और डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन, मशीनिंग तथा विनिर्माण एडवाइजर, आइटी एवं डिजाइन, सभी तरह की मरम्मत और रखरखाव, मोडर्न प्लंबिंग में ट्रेनिंग से जुडे हैं।
राज्य सरकार में श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि राज्य के युवाओं को रोजगार दिलाने के मकसद से आईटीआई अपग्रेडेशन की कार्य पर तेजी से काम हो रहा है। छात्रों को एडवांस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग सुविधा होगी। इस तकनीक के तहत आईटीआई में छात्रों को मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ग्राफिक डिजाइन, रोबोटिक मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिकल जैसे तकनीक में मशीनें लगाकर आइटी कंपनियों सहित अन्य इंडस्ट्री के मदद से आइटीआइ को और विकसित बनाया जाएगा।
छात्रों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग के साथ ही फिजिकल ट्रेनिंग का भी प्रबंध होगा। सभी आईटीआई को टाटा टेक्नोलॉजी ट्रेनर के साथ मदद करेगी और नए अपग्रेड टूल्स मशीनरी एवं सिलेबस बनाने में सहयोग करेगी। आईटीआई के देखरेख, प्रबंधन और संचालन के लिए प्रबंध समितियों का गठन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
बता दें कि दसवीं पास युवा आईआईटी कोर्स में दाखिला ले सकते हैं जो कि रोजगार के दृष्टिकोण से काफी बढ़िया है। सरकारी आईटीआई कॉलेज में दाखिले के लिए हर साल बिहार राज्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद प्रतियोगिता प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। छात्र बेहद कम पैसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर कोर्स खत्म होने के बाद आसानी से उन्हें रोजगार मिल जाती है। लगभग कंपनियों में आया कि ट्रेनिंग करने वालों की डिमांड बनी रहती है।