हृदय, मधुमेह, ब्लड प्रेशर व कैंसर समेत दूसरी बीमारी से जूझ रहे रोगियों के लिए शुभ समाचार नहीं है। पिछले एक महीने से जो दवाओं के कीमत में बढ़ोतरी हुई है, वह 15 अप्रैल तक राजधानी पटना समेत पूरे बिहार के बाजारों में आ जाएगी। 20 से अधिक दवा कंपनियों ने पटना के गोविंद मित्रा पथ के दवा दुकानों को नई कीमत से बिक्री होने वाली दवाओं की लिस्ट भेज दी है। इनमें टोटल 875 तरह की दवाएं हैं जिनके रेट में लगभग 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है। निर्धारित कीमत के आंकलन में दवा व्यवसाई जुट गए हैं।
बता दें कि बिहार में राजधानी पटना सहित लगभग 40,000 थोक व खुदरा दवा की दुकानें हैं। जानकार बताते हैं कि कीमत बढ़ने की आशंका को पहले ही पूर्वानुमान लगाते हुए दवा कंपनियों ने आपूर्ति की रफ्तार धीमी कर दी थी। विशेष रुप से कई बड़ी दवा कंपनियों ने तो पिछले 15 दिनों से ऑर्डर के बावजूद भी आपूर्ति भी नहीं की है। जिसका नतीजा यह है कि बाजार में हृदय, मधुमेह, ब्लड प्रेशर व कैंसर आदि मरीजों के दवाओं का किल्लत हो गया है। छोटी व दूसरी कंपनियों की दवा मरीज खरीदने को मजबूर हैं।
जिन दवाओं के रेट में इजाफा हुआ है, उनमें बुखार में इस्तेमाल होने वाली दवा पैरासिटामोल भी शामिल है। मेट्रोनिडाजोल, फनोबार्बिटोन, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन, हाइड्रोक्लोराइड जैसी दवाओं का भी रेट बढ़ रहा है। दवा कंपनियों की ओर से मल्टी विटामिन, एनिमिया में दी जाने वाली दवाओं की कीमतों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया है। जिन दवाओं के रेट में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, उनमें त्वचा, दिल, गुर्दा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, पेन किलर, एंटी व अन्य शामिल हैं।
पटना ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव राजेश आर्या ने बताया कि लगभग 875 किस्म की आवश्यक दवाओं की कीमतों में औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने 10.76 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की है। हर वर्ष सूचिबद्ध जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि होती है। अब तक का सार्वधिक मूल्यवृद्धि इस बार हुआ है। कंपनियों का कहना है कि रो मटेरियल की कीमतों में बढ़ने से इसकी कीमतें बढ़ाई गई हैं। पहले चाइना से रो मटेरियल आता था, लेकिन अब वह स्वीटजरलैंड और मलेशिया से आता है। चीन के तुलना में कुछ महंगा पड़ रहा है, इसलिए कीमत में बढ़ोतरी हुई है।