बिहार में सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का दाखिल-खारिज अब संबंधित विभाग के नाम से किया जाएगा। भूमि सुधार व राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने जमीन करने वाले अधिकारियों को कहा है कि रिकॉर्ड में भूमि अधिग्रहण करने वाले विभाग का नाम रिकॉर्ड कर पुराने मालिकों का नाम हटा दें। मुख सचिव ने यह आदेश विशेष रुप से उन जिलों को दिया है, जहां अंतिम चरण में भूमि सर्वेक्षण है। 20 जिले ऐसे हैं, जहां अंतिम चरण में भूमि संरक्षण चल रहा है।
वर्तमान में प्रदेश के 18 जिलों में जमीन संरक्षण प्रारंभिक अवस्था में है। दाखिल खारिज होने के बाद रजिस्टर-टू में रैयत के बजाय कुछ सरकारी विभाग का नाम रिकॉर्ड किया जाएगा, जिसकी परियोजनाओं के लिए भूमि का अधिग्रहण हुआ है। विभाग के अधिकारी ने आदेश दिया है कि स्वामित्व बदलाव के लिए बंदोबस्त अधिकारी एवं जिले में नियुक्त सभी भू अर्जन अधिकारी मीटिंग करें।
इसके अतिरिक्त आदि का दान की गई भूमि के मूल्यांकन खतियान और बाकी रिकॉर्ड का स्कैन करवा कर उन्हें डिजिटल मोड में एकत्रित करें। विभाग ने अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया है। अफसरों को कहा गया है कि रैयत और अधियाची विभाग से बातचीत करके और भूमि अधिग्रहण के विवाद वाले मामलों का निष्पादन करें।