बिहार में पिछले तीन-चार दिनों से बिजली संकट गुरुवार को सामान हो गया। नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के चार प्लांटों में बायलर ट्यूब लिकेज के कारण बिजली संकट हो गया था। एनटीपीसी ने ऑफिशियल रूप से यह जानकारी दी कि जिन प्लांटों में बीटीएल हुआ था, उन्हें सही कर लिया गया है।
विद्युत कंपनी के हिसाब से आपूर्ति शुरू हो गई है। बिजली कंपनी की मानें तो मौसम में बदलाव और कुछ स्थानों पर बारिश होने के चलते 6200 मेगावाट से घटकर डिमांड 5400 मेगावाट आ गया है। 4700 मेगावाट की आपूर्ति एनटीपीसी करती है। बाकी अन्य माध्यमों से आपूर्ति की जाती है।
बता दें कि एनटीपीसी की बरौनी प्लांट, फरक्का की दो यूनिट और कहलगांव की एक यूनिट में बायलर ट्यूब लिकेज के बिजली का उत्पादन बाधित रहा। दो-तीन दिन पूर्व जब पीक आवर में बिजली की डिमांड 6200 मेगावाट पर पहुंच गई थी तब कम होने आपूर्ति में परेशानी हो गई थी। एनटीपीसी ने आधिकारिक तौर पर बयान दिया कि बरौनी और फरक्का प्लांट को दुरुस्त कर बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। गुरुवार को देर रात से कहलगांव प्लांट से विद्युत आपूर्ति शुरू हो चुकी है। वैसे भी अब डिमांड कम हो गई है। पुराने ट्रैक पर एनटीपीसी की आपूर्ति है।
बिजली कंपनी के मुताबिक डिमांड के हिसाब से आपूर्ति नहीं होने के चलते प्रति यूनिट 12 रूपए के दर से पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदकर आपूर्ति किया गया। डिमांड और आपूर्ति का अंतर काफी कम किया गया। बिजली कंपनी ने कहा कि यह बात सच नहीं है कि कोयले की किल्लत से उत्पादन में कमी हो रही है, लेकिन पूर्वी इलाके में उनके उत्पादन प्लांटों को कोयले का कोई किल्लत नहीं है।
बिजली कंपनी से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि भूटान के पनबिजली प्लांटों द्वारा भारी मात्रा में विद्युत का उत्पादन नहीं हो रहा है। इस कारण वहां से पहले की तुलना में विद्युत की कम आपूर्ति हो रही है। उम्मीद है कि अगले महीने तक सामान्य आपूर्ति होने लगेगी।