बिहार के विकास में कोई कमी नहीं रहे इसके लिए केंद्र सरकार भरसक प्रयास कर रही है। बिहार सरकार भी अपने स्तर से राज्य के चारों तरफ सड़कों का जाल बिछा रही है। अब गतिशक्ति योजना के तहत बिहार में 1530 किलोमीटर नई सड़क निर्माण करने की योजन है। इस योजना के तहत साथ सड़कों का निर्माण किया जाना है। बता दें की गतिशक्ति योजना के तहत देश भर में आधारभूत संरचनाओं को विकसित करना है। साल 2024-25 तक देश में दो लाख किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण करने की योजना है।
बता दें कि इन सड़कों के निर्माण के लिए भारतमाला फेज टू के तहत बिहार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। वित्त मंत्रालय इसको लेकर तैयारी भी कर रही है। चार और सड़कों के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा था। इन सड़क परियाेजनाओं से पटना, भोजपुर, बक्सर, अरवल, बिहारशरीफ, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, चंपारण सहित नेपाल से सटे इलाके और उत्तर पूर्व बिहार के कई जिलों को फायदा होगा।
भारतमाला परियोजना के तहत जिन सात सड़कों का निर्माण करने की संभावना दिख रही है, उसमें तीन सड़क पटना से जुड़ी हुई है। 450 किलोमीटर लंबाई वाली पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे है, जिसके निर्माण में 17,900 करोड़ रुपए की लागत आएगी। दूसरी सड़क 165 किलोमीटर लंबाई वाली बक्सर-जहानाबाद-बिहारशरीफ हाइवे है,जिसके निर्माण में 4600 करोड़ रुपए की लागत आएगी।तीसरी सड़क 83 किलोमीटर लंबाई वाली सुल्तानगंज-देवघर हाइवे है, जिसके निर्माण में 3200 करोड़ रुपए की लागत आएगी।