बिहार में 16 सालों से दो लेन से ज्यादा चौड़ाई वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई लगभग दोगुनी हो चुकी है। बता दें कि 2005 में दो लेन से अधिक चौड़ी सड़कों की लंबाई करीब 769 किमी थी। जो साल 2021 तक बढ़कर लगभग 1404 किलोमीटर हो चुकी है। वहीं, एक लेन की मुख्य सड़कों की लंबाई 2005 में करीब 728 किमी थी, यह 2021 में घट कर लगभग 440 किमी रह गयी है। ऐसे में मुख्य सड़कों की चौड़ाई बढ़ने से जाम की समस्या से लोगों को मुक्ति मिलने लगी है।
आवागमन में सुधार होने की वजह से लोग कम समय में अधिक दूरी तय करने लगे और ग्रामीण इलाके के लोगों की भी पहुंच शहरों तक पहुंच गई। कारोबार सहित अन्य क्षेत्रों में भी इसका विकास का असर दिखने लगा है। वहीं, राज्य में 2005 में नेशनल हाईवे की लंबाई लगभग 3624 किमी थी, जो 2021 बढ़ कर 5948 किमी हो गई।
नीतीश सरकार अधिकांशतः नई सड़कों को फोरलेन और पुरानी कम चौड़ाई वाली सड़कों को फोरलेन बनाने का काम तीव्र गति से कर रही है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से बिहार में चार एक्सप्रेस-वे निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है। यह एक्सप्रेस-वे सिक्स और एट लेन की चौड़ाई वाले होंगे। इस साल राज्य में लगभग 400 किलोमीटर लंबे एनएच निर्माण के लिए निविदा निकलेगी और निर्माण एजेंसी का चयन होने के बाद निर्माण शुरू हो जाएगा। इन सड़कों की चौड़ाई भी फोरलेन होगी।
सूबे की सरकार ने राम-जानकी मार्ग को लगभग 243 किमी लंबाई में फोरलेन राज्य के अंदर बनाने के लिए केंद्र से आग्रह किया था। अब केंद्र सरकार ने इस पर मुहर लगा दी है। ऐसे में वन विभाग के क्षेत्र वाली सड़कों को छोड़ कर मुख्य सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने का कार्य जारी है।