बिहार में बालू खनन बंद होने की वजह से लगभग 11 दिन में बालू की कीमत में दो गुना वृद्धि हो गया है। इसका सीधा प्रभाव मकान निर्माण फील्ड पर पड़ा है। विशेष रूप से वह लोग जो अपना घर बना रहे हैं वह काफी परेशान हो गए हैं। बालू खनन दोबारा शुरू नहीं होने तक यही स्थिति बनी रहने की उम्मीद है।
दूसरी और राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग ने प्रदेश में 16 करोड सीएफटी बालू भंडारण होने का दावा किया है। इस खपत के मुताबिक इस साल के आखिर तक पर्याप्त बताया है। फिलहाल एनजीटी के गाइडलाइन और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सितंबर तक बालू खनन पर पूरी तरह रोक रहेगा। बंदोबस्ती होने के बाद एक बार फिर से नए सिरे से बालू खनन राज्य में शुरू होगा।
पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है और डीएसआर बन चुका है। जिला प्रशासन इसके आधार पर नदी घाटों की टेंडर निकालेगी। सूत्रों के मुताबिक बालू खनन पर रोक लगने से सरकारी विभागों को निर्माण कर रहे बालू का भंडारण करने को पहले से कहा गया था। सरकारी विभागों के पास पर्याप्त मात्रा में बालू मौजूद है। बालू रखने की अधिक जगह नहीं होने के चलते ज्यादा मात्रा में बालू का स्टॉक नहीं कर सक हैं। ऐसे में बालू की कीमत में बढ़ोतरी होने से उन्हें भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
खान एवं भूतत्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 200 लाइसेंसधारी गाड़ी खुदरा विक्रेता है। बालू खनन पर प्रतिबंध लगने से पहले ही इन सभी ने बालू का स्टॉक कर लिया है। टोटल 16 करोड़ बालू इन लोगों ने स्टोक किया है। इनके जरिए से इ-चालान कटवाकर बालू बिक्री की जा रही है। बीते साल जुलाई में भी बालू के रेट में अचानक ही तीन से चार गुना वृद्धि हो गई थी। इसके मद्देनजर सरकार ने 4 जिले के जिला अधिकारी ने अपने जिले में बारिश के रेट निर्धारित कर दी थी। पटना में जिला स्तरीय समिति 4528 रुपये प्रति 100 घन फीट के हिसाब से बालू की कीमत तय की थी। लाइसेंसधारियों का 5 प्रतिशत कमीशन शामिल था।