बिहार की राजधानी पटना में बन रहा है विश्व स्तरीय साइंस सिटी। देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी एक विश्व स्तरीय साइंस सिटी होगा, जो अभी निर्माणाधीन है। पटना में बन रहे साइंस सिटी का नाम देश के मिसाइल मैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी के निर्माण में कुल 400 करोड़ रुपए के लागत से कराया जा रहा है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण पटना में स्थित प्रेमचंद रंगशाला और मोइनुल हक स्टेडियम के बीच लगभग 20 एकड़ से अधिक क्षेत्र में करवाया जा रहा है। इसमें 5 दीर्घा होंगी जो अलग-अलग थीम पर आधारित होगी। इस साइंस सिटी में आर्यभट्ट से लेकर कलाम तक का विजन दिखेगा। यहां छात्र आकर विज्ञान से जुड़े प्रयोग भी कर सकेंगे। यहाँ विज्ञान से संबंधित तरह तरह के विजन और तरह-तरह की सुविधा है उपलब्ध होंगी।
जब भी हम साइंस सिटी के बारे में चर्चा करते हैं तो सबसे पहले कोलकाता का नाम ध्यान में आता है लेकिन जानकारों के अनुसार पटना में बनने वाला डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी कोलकाता के साइंस सिटी से बेहतर होगा। साइंस सिटी में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो छात्र-छात्राओं का विज्ञान में रुचि बढ़ाने में मदद करेगा। आम लोगों के लिए इस साइंस सिटी में विज्ञान से जुड़े कई दीर्घा आकर्षक का केंद्र बनेंगे।
बिहार के राज्य भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार महत्वाकांक्षी परियोजना में से एक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का काम लगभग 60 फीसदी सिविल वर्क अब पूरा कर लिया गया है। अगले साल 2022 के अंत तक इसके पूरा होने की संभावना है। इस साइंस सिटी में डिजाइन के अनुसार पहली मंजिल पर एक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा, खासकर उन स्कूली बच्चों के लिए जो अध्ययन यात्रा या भ्रमण के दौरान रुकना चाहते हैं। बनने वाले छात्रावास में 250 बच्चों को समायोजित कर इसे लर्निंग सूट से जोड़ा जाएगा।
परियोजना की परिकल्पना 2012 में हुई थी और मार्च 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा परियोजना की नीव रखने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इस निर्माणाधीन साइंस सिटी का उद्देश्य लोगों के बीच विज्ञान कि समाज को बढ़ाना और बढ़ावा देना है, साथ ही विज्ञान में बिहार के योगदान के इतिहास को प्रदर्शित कर उन्हें संरक्षित करना है।