अपने ही दल के विधायक नंदकिशोर यादव के गैर-सरकारी संकल्प का जवाब देते हुए राज्य सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जल्द ही बिहार में नहीं टेक्स्टाइल नीति लाई जाएगी।
अंतिम चरण में इसकी तैयारी चल रही है। इसके बाद इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलवानी होगी। इस नीति से राजधानी पटना व कुछ अन्य शहरों में भी पुनः टेक्सटाइल उद्योगों की स्थापना हो सकेगी। विशेष रूप से गंजी, अंडरवीयर समेत अन्य रेडीमेड गार्मेंट्स के उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
गांधीनगर में गुजरात के उद्योग मंत्री जगदीश पंचाल जी से मुलाकात की और कैसे उद्योग में एक दूसरे की मदद हो, इस पर विस्तार से चर्चा हुई।
बहुत जल्द दोनों राज्यों के उद्योग विभाग के अधिकारियों की बैठक होनी तय हुई है ताकि टेक्सटाइल व फूड प्रोसेसिंग में गुजरात की मदद बिहार को मिले। pic.twitter.com/Sulx7t4KT0
— Syed Shahnawaz Hussain (@ShahnawazBJP) March 30, 2022
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कोविड के समय जितने भी काम करने वाले मजदूर दूसरे राज्य से लौट कर आए थे। उसमें 86 प्रतिशत संख्या कपड़ा कंपनियों में काम करने वालों की थी। इस कारण राज्य में कामगारों को वृहद पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होगा। मंत्री ने कहा कि बिहार के बाहर टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े बिहारी चाहे वो कामगार हों या ऑनर सब से बात की जा रही है और उनकी चाहत बिहार आकर काम करने को है। निवेशकों को बिहार सरकार हर सुविधा देने को तैयार है। एक अप्रैल से इसके लिए सरकार नई व्यवस्था लागू करने जा रही है।
विधान परिषद में समीर कुमार सिंह के तारांकित सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सरकार माटी कला बोर्ड के गठन की कोशिश करेगी। इसके गठन के लिए समिति बनाई गई है। शीघ्र इसकी रिपोर्ट आएगी। हुसैन ने कहा कि उपेंद्र महारथी संस्थान में 14 शिल्प कलाओं व माटी कला से जुड़े कारीगरों को ट्रेनिंग दिया जा रहा है।
रामचंद्र पूर्वे द्वारा अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में उद्योग मंत्री ने कहा कि बेहतर कंबल बनाने हेतु बिहार में भी कामगारों को ट्रेनिंग दिया जाएगा। यह भी प्रयास किया जाएगा कि यहां के बने कंबल दूसरे राज्यों में भी भेजे जाएं। हुसैन ने कहा कि बिहार का कमाल आज भी लोगों की पहली पसंद है लेकिन इसका सही से ब्रांडिंग और आपूर्ति नहीं होने के वजह से एक कामगारों को फायदा नहीं मिल पा रहा है। इस दिशा में सरकार काम कर रही है।