बिहार के सभी जिलों में वेडिंग जोन के निर्माण की योजना की जमीन पर उतारने में तीव्रता लाई जाएगी। इसको लेकर विभिन्न विभागों के साथ नगर विकास विभाग बैठक कर ऐसी जमीनों को चयनित करेगा जहां वेडिंग जोन बनाकर स्थाई तौर पर फुटपाथ ही दुकानदारों को रोजगार करने का अवसर उपलब्ध किया जा सके। बिहार विधानसभा में गुरुवार को राज्य के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सह नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने यह ऐलान किया। तारकिशोर प्रसाद अपने ही पार्टी के विधायक विजय कुमार खेमका के एक तारांकित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
बीजेपी विधायक विजय कुमार खेमका ने पूर्णिया में 11 वेंडिंग जोन के अबतक निर्माण नहीं शुरू होने का सवाल उठाया था। जिसका जवाब देते हुए तार किशोर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पथ से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिलने के वजह से निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। दूसरे जिलों में भी एनओसी नहीं मिलने से वेडिंग जोन का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। इसको लेकर एक दफा नगर विकास विभाग और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिवों के बीच बातचीत का भी दौर चला है। नीतीश सरकार वेंडिंग जोन बनाने को लेकर गंभीर है। केंद्र की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पूरे राज्य में वेंडिंग जोन बनना है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि विधानसभा सत्र खत्म होते ही नगर विकास विभाग विभिन्न विभागों के साथ ऐसी खाली पड़ी जमीनों को लेकर बैठक आयोजित करेगा जहां वेंडिंग जोन बनाया जा सके। जिलावार तरीके से जिला परिषदों की जमीन हो या भूमि राजस्व समेत अन्य विभागों की इसकी जानकारी लेने में लेटलतीफी हो रही है। उन्होंने कहा कि हम गंभीरता पूर्वक इस योजना में तीव्रता लाएंगे। वेडिंग जोन बनाकर बिहार सरकार फुटपाथ दुकानदारों को बसाना चाहती है। इसके बनने से अतिक्रमण की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी।